ये तो हद हो गई, कोरोना मरीज को ही बंधक बना लिया

जबलपुर। कोरोना मरीजों के उपचार के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी का मामला फिर सामने आया है। शुल्क वसूलने के लिए एक अस्पताल ने मरीज को बंधक बना लिया। इसकी शिकायत परिजन ने केयर बाय कलेक्टर के वॉट्सऐप पर की तो स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद समझौता होने पर मरीज को छोड़ा गया।

शुक्रवार को सुबह कलेक्टर कर्मवीर शर्मा (केयर बायं कलेक्टर के वॉट्सऐप नम्बर 7587970500) के मोबाइल में बरगी निवासी संगीता जैन ने संदेश भेजा। उसमें लिखा था कि 'मेरे बड़े भाई संजय जैन को कोरोना संक्रमित पर नागरथ चौक स्थित सिटी हॉस्पिटल में 28 मार्च को भर्ती करवाया था। तब सेमी प्राइवेट वार्ड का प्रतिदिन पांच हजार रुपए, नर्सिंग सुविधा, डॉक्टर चेकअप और अन्य खर्च के ढाई हजार रुपए मिलाकर कुल साढ़े सात हजार रुपए प्रतिदिन शुल्क तय हुआ। 40 हजार रुपए अग्रिम जमा किए। दो अप्रैल को बड़ेभाई का स्वास्थ्य बेहतर लगा।

अस्पताल में मरीज के डिस्चार्ज के लिए कहा गया, तो मना कर दिया। अब 87,659 रुपए हॉस्पिटल का खर्च और 71,379 दवाइयों का खर्च की मांग की जा रही है। शुल्क के लिए मरीज को हॉस्पिटल में बंधक बना लिया गया है। कलेक्टर ने जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया को कार्रवाई के निर्देश दिए। उसके बाद सीएमएचओ ने आनन-फानन में टीम अस्पताल भेजी। अधिकारियों ने दोनो पक्षों को सुनने के बाद आपसी समझौता कराया। मरीज को डिस्चार्ज कराया। प्रशासन का कहना है कि अस्पताल ने मरीज को बंधक बनाने की शिकायत को गलत बताया है।



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