
लाली कोष्टा, जबलपुर। जोत से जोत जलाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो...इस गाने को कटनी की समाजसेवी डॉ. दीप्ति भदोरिया चरितार्थ कर रही हैं। दीप्ति ने एक ऐसा अभियान चलाया है जो न केवल समाज को शिक्षित करेगा, बल्कि ऊंच नीच का भेद भी मिटाएगा। दीप्ति को उनके सामाजिक कार्यों के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल चुका है। वे शिक्षा, नशा मुक्ति और बच्चियों के प्रति जनजागरुकता का काम करती हैं।

ताकि सब अपनी जिम्मेदारी समझ सकें
डॉ. दीप्ति भदोरिया कई सालों से समाज सेवा के क्षेत्र से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद सभी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। लेकिन जिनके पास महंगे मोबाइल नहीं हैं उन बच्चों की पढ़ाई या तो छूट गई है या फिर वे पिछड़ रहे हैं। इसे देखते हुए हमने समाज के लोगों को लेकर ‘ईच वन, टीच वन अभियान’ शुरू किया है। जिसमें एक पढ़ा लिखा व्यक्ति एक गरीब बच्चे को नि:शुल्क पढ़ाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षित वर्ग को एक गरीब छात्र को पढ़ाने और समाज में बड़ा बदलाव लाने के लिए उनकी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी को समझाना है। इस अभियान में देश भर के कई समाजसेवी तथा शिक्षाविद बढ़-चढकऱ हिस्सा ले रहे हैं। वे अपने आसपास के ऐसे बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। दीप्ति स्कूलों में नशा मुक्ति अवेयरनेस ,महिलाओं और स्कूल की बच्चियों के लिए आत्म सुरक्षा से जुड़ी कार्यशाला आयोजित करती हैं। शिक्षा एवं वृक्षारोपण तथा सामाजिक कार्य के लिए उन्हें 10 से ज्यादा बार हॉनरेरी डॉक्टरेट, डॉक्टरेट इन ह्यूमैनिटी एंड पीस, ह्यूमन साइंस, ह्यूमन राइट्स, हॉनरेरी इन एजूकेशन से सम्मानित किया जा चुका है।

मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली मानद उपाधि
दीप्ति को बेनिन देश की वर्चुअल यूनिवर्सिटी ऑफ इंटरनेशनल रिलेशनशिप की हॉनरेरी चांसलर (मानद उपाधि) के पद पर नियुक्त किया गया है,जो उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। फाउंडेशन के माध्यम से इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘इंस्पिरेशनल आईकॉनिक दीवा टाइटल’ से समाज में जो अपना उत्कृष्ट कार्य कर रही है 50 महिलाओं को सम्मानित किया गया है। दीप्ति को समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य करने पर 400 से ज्यादा अवार्ड और सर्टिफिकेट से मिल चुके हैं।
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