
जबलपुर। कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में कई मल्टी नेशनल कंपनियों के उतरने से इस क्षेत्र में टेक्नोक्रेट्स की मांग बढ़ी है। मॉडर्नाइजेशन और डिजिटलाइजेशन के कारण अब इस क्षेत्र में कॅरियर के कई बेहतर अवसर देखने को मिल रहे हैं। अब विभिन्न स्पेशलाइज्ड कामों के लिए कंस्ट्रक्शन मैनेजर की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में कॅरियर की असीम संभवानाएं हैं। पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र में लगभग 30 से 40 प्रतिशत ग्रोथ देखने को मिल रही है। कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के अंतर्गत आर्किटेक्चर, बिल्डिंग इंजीनियरिंग और प्लानिंग जैसे कई कार्य आते हैं। आज परंपरागत मिस्त्री की जगह आर्किटेक्ट ने ले ली है। शिक्षण संस्थानों ने इस क्षेत्र के अनुकूल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं।
प्रमुख संस्थान
- स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली
- एनआइसी एमएआर, मुंबई/बेंगलूरु/पुणे
- गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर
- स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी, भिलाई
मल्टी नेशनल कंपनियों में भी अवसर
कंस्ट्रक्शन बिजनेस में कॅ रियर की बहुत संभावना है। वर्तमान में कोई फील्ड सबसे ज्यादा ग्रोथ कर रही है तो वह कंस्ट्रक्शन फील्ड है। इसमें कॅ रियर शुरू करने के लिए से डिप्लोमा या बीई सिविल इंजीनियरिंग की जा सकती है। एक्सपीरियंस के लिए किसी बड़ी कंपनी या मल्टी नेशनल कंपनी में भी अच्छे सैलरी पैकेज के साथ जॉब मिल जाती है।
- बृजेश शर्मा, सिविल इंजीनियर, सेटअप कंस्ट्रक्शन, जबलपुर
सॉफ्टवेयर का ज्ञान आवश्यक
कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री सिविल इंजीनियरिंग से जुड़ी हुई है। कोरोना के बाद इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। इसमें कॅरियर बनाने के लिए डिजाइन, प्लानिंग एवं कंस्ट्रक्शन से संबंधित सभी सॉफ्टवेयर्स में सिद्धहस्त हों। आजकल कई कंपनियां कंस्ट्रक्शन आटोमेशन में कार्य कर रही हैं। सेल्स स्किल्स, कम्युनिकेश स्किल्स व्यावहारिक एवं कार्य के प्रति जिम्मेदारा होना जैसे गुण भी आवश्यक हैं।
- प्रो. डॉ. कीर्ति चौधरी, सिविल इंजीनियरिंग, आइपीएस एकेडमी इंदौर
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