
जबलपुर। शहर के कई इलाकों की तस्वीर बदली नजर आ रही है। चमचमाती सपाट सडक़ें और डिवाइडर, चौराहों पर रातोंरात जेब्रा क्रॉसिंग, सफेद लाइन बना दी गईं। वीवीआइपी मूवमेंट महामहिम के जहां भी कदम पड़े उन इलाकों का उद्धार हो गया। जबकि, शहर के दूसरे इलाकों की तस्वीर इससे बिल्कुल अलग है। उधड़ी, धंसी सडक़, बजबजाते नाले, बेतरतीब निर्माण के कारण यातायात व्यवस्था दम तोड़ रही है। रोजाना शहरवासी उससे जूझ रहे हैं।
आवागमन मार्ग से लेकर चौराहे, मानस भवन के आसपास और रेस्ट हाउस के समीप की बदली तस्वीर
अफसरों ने रातों-रात कुछ इलाकों को चमका दिया, बाकी सडक़ेंबदहाल-बजबजा रहीं नालियां
इन इलाकों की वही पुरानी कहानी
बजबजा रहा है ड्रेनेज
मदनमहल अंडर ब्रिज से लिंक रोड, गंगा नगर से नवनिवेश कॉलोनी मार्ग के किनारे स्थित नाला, मेडिकल कॉलेज के समीप नाला बजबजा रहा है। नगर में जगह-जगह कचरे का ढेर लगा है।

अधूरी व उधड़ी सडक़ें
रानीताल से यादव कॉलोनी सडक़ में गड्ढे हो गए हैं। लेबर चौक छोर पर एक ओर सडक़ निर्माण का काम एक साल से ज्यादा समय से अधूरा है। मेडिकल से तिलवारा सडक़, धनवंतरि नगर से अंधुआ सडक़ चलने लायक नहीं है।
यातायात तोड़ रहा दम, बेतरतीब निर्माण
अमृत योजना के तहत सूपाताल से बेदी नगर के बीच अंडर ग्राउंड पानी की पाइप लाइन बिछाने सडक़ की खुदाई की गई। रीस्टोलेशन के नाम पर कांक्रीट का ऐसा मसाला उपयोग किया गया कि डेढ़ महीने में ही गिट्टी उखडऩे लगीं। दमोहनाका-मदनमहल फ्लाईओवर के निर्माण का काम जारी है। महानद्दा, प्रेम नगर व टेलीकॉम फै क्ट्री गेट नं 4 के समीप निर्माण साइट पर बैरीकेटिंग कर सडक़ इतनी संकरी कर दी गई कि दोपहिया वाहनों की आवाजाही भी मुश्किल हो रही है।
नगर के कुछ क्षेत्रों में जिस तरह से दिन-रात काम कर उनकी तस्वीर बदल दी गई है। अन्य इलाकों में भी इसी तरह से काम होना चाहिए। ताकि, सडक़ों में सुधार कार्य हो सके। निर्माण कार्यों को गति मिले और शहरवासियों को समस्याओं से निजात मिले। के वल वीआइपी दौरों के दौरान ही नहीं पूरे साल प्रशासन व निर्माण एजेंसियों को सक्रिय रहना चाहिए।
-राजेश सोनकर, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
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