कुछ हटकर है यहां का मसला.. अपने कर्मचारियों से परेशान हैं यहां के अफसर

जबलपुर। बिजली कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारियों की ओर से तीन मार्च से अनिश्चितकाल कामकाज बंद करने के दिए अल्टीमेटम ने जबलपुर में कम्पनी के उच्च अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया है। पावर इंजीनियर्स एवं एम्पलाइज के नेतृत्व में पिछले एक माह से कर्मचारी अपने साथ हो रहे भेदभाव को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। दो मार्च तक मांगों का निराकरण करने के लिए कहा गया है। वे विद्युत कर्मियों की सुरक्षा, वेतन में समानता जैसी मांगें कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने तीन मार्च से कार्य के बहिष्कार के दौरान उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों के लिए कम्पनी को उत्तरदायी होने की बात कही है।

प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए दो साल पहले शुरू हुई इकाइयों में तकनीकी खराबी आई है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की दो इकाइयों में तकनीकी खराबी आने के कारण उत्पादन बंद है। इससे मप्र पॉवर जनरेटिंग कम्पनी का 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। एचपी टरबाइन में खराबी के चलते करीब छह माह से उत्पादन प्रभावित है। मप्र पॉवर जनरेशन कम्पनी का दावा है कि सुधार होने पर मार्च और अप्रैल से बिजली का उत्पादन दोनों इकाइयों से प्रारम्भ हो जाएगा। खराबी की वजह जानने के लिए टीम का गठन किया गया है। हालांकि, कुछ अफसरों का कहना है कि मामले को सुलझाने के प्रयास जारी हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि बीच का रास्ता निकल आएगा।



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