
जबलपुर. राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर ने मप्र हाईकोर्ट को बताया कि कटनी जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है। मंडला व बालाघाट में काम अंतिम चरण में है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय शुक्ला की डिवीजन बेंच ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेकर सभी नौ जिलों में जारी सीटी स्कैन मशीन लगाने के काम की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी। एनएसयूआई के कटनी जिलाध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा की ओर याचिका दायर कर अधिवक्ता योगेश सोनी ने तर्क दिया कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए 2017 में टेंडर निकाला गया था। मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को फरवरी 2019 तक जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाना था। कंपनी को कटनी के साथ ही मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने कही भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है। गत सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी जानकारी मांगी थी कि 9 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगने तक कितना रेट लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने शपथ-पत्र दायर कहा था कि अप्रैल 2021 तक सभी 9 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लग जाएगी। सोमवार को राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर बताया गया कि कटनी जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाने का कार्य पूरा हो गया, जबकि बालाघाट, मंडला में आखिरी दौर में है। शेष 7 जिला अस्पतालों में कार्य अप्रैल माह में पूरा हो जाएगा। राज्य सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि आयुष्मान, दीनदयाल व बीपीएल कार्डधारकों के लिए मुफ्त में सीटी स्कैन किया जाएगा। अन्य मरीजों को 933 रुपए की दर से शुल्क लगेगा। इसे कोर्ट ने संज्ञान में लेकर सरकार से कार्य की स्टेटस रिपोर्ट मांग ली।
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