बंटवारे के समय भारत से पाकिस्तान गए मुस्लिमों को अभी तक नहीं मिली नागरिकता, वह देश अपने कर्मों का खामियाजा भुगतेगा

 

जबलपुर। 'पाकिस्तान अपने कर्मों के कारण एक दिन दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा। 1947 में बंटवारे के बाद रहने के लिए पाकिस्तान गए मुस्लिम सात दशक बाद भी वहां मुजाहिद कहलाते हैं। आज उनकी संख्या 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा हो गई है, लेकिन उन्हें वहां नागरिकता नहीं मिली। उन पर अत्याचार होता है। जिस राह पर पाकिस्तान आगे बढ़ रहा है एक दिन गिलगिट, बाल्टिस्तान, सिंध, बलूचिस्तान समेत कई टुकड़ों में बंट जाएगा।Ó ये बात मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख व आरएसएस के प्रचारक इंद्रेश कुमार ने जबलपुर शहर में समरसता सम्मेलन में कहीं। उन्होंने कहा भारत से पाकिस्तान की कोई तुलना नहीं हो सकती। हिन्दुस्तान कोविड संकट काल से लेकर आज भी दुनियाभर के देशों की मदद कर रहा है।
आपसी सद्भाव-भाईचारा का दिन
इंद्रेश कुमार ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर के निर्माण के लिए मुस्लिम भाई, बहन, बच्चे जिस प्रकार खुलकर भावनात्मक आर्थिक सहयोग कर रहे हैं, ये संस्कारधानी में आपसी सद्भाव-भाईचारा का दिन है। नौ साल के बच्चे ईशान चिश्ती ने सलातो-सलाम पढऩे पर मिले 920 रुपए राम मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छा से दिए। उन्होंने कहा हम सब एक हैं। देश के शिक्षित, प्रगतिशील मुस्लिम अपना अच्छा-बुरा समझते हैं। कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि अपना देश आपसी भाईचारा व सद्भाव का देश है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक एसके मुद्दीन की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में 20 जिलों से मुस्लिम भाई-बहन शामिल हुए। इस दौरान हिना शेख, जहां आरा, बेमिदा बाजी, नेहा अंजुम, निखत खान, मुस्कान बानो, अम्बर फातिमा, रुबीना बानो, इलियाज अंसारी, आमिर खान, शमीम, फारुख खान समेत बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई-बहनों ने मंदिर निर्माण के लिए राशि दी। कार्यक्रम में डॉ. जितेंद्र जामदार, आरएसएस के प्रांत संघ चालक प्रशांत सिंह, उद्योगपति कैलाश गुप्ता, भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरुआ, हारुन जावेद सौदागर शामिल थे।



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