
जबलपुर। रेत माफिया वैसे तो पूरे मप्र में सक्रिय हैं। बेखौफ हैं। वैध खदानों से ज्यादा अवैध खदानों में खनन कर रहे हैं। लेकिन, जबलपुर जिले में तो रेत माफियाओं ने सरकारी सिस्टम को पूरी तरह से चैलेंज कर दिया है। यहां के नर्मदा सहित अन्य छोटी नदियों के तटों को पूरी तरह से छलनी कर दिया गया है। हद तो यह है कि नदियों से अवैध रूप से भी रेत निकालने के लिए रेत माफिया हाईफाई डिवाइस लगाने से भी नहीं डरते।
अभी जबलपुर जिले के राजस्व विभाग, पुलिस एवं खनिज विभाग ने हिरन नदी के इमलिया घाट में कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रेत का उत्खनन करते हुए हाईफ ाई डिवाइस लगी दो मोटरबोट पकड़ी। 16 ड्रम और लोहे के सात पाइप भी बरामद किए। रेत खनन करने वाले भाग निकले। पुलिस को सूचना मिली थी कि पनागर थाना अंतर्गत हिरण नदी के इमलिया घाट में मोटरबोट में हाई-फ ाई डिवाइस लगाकर रेत निकाली जा रही है। थाना प्रभारी पनागर आरके सोनी स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग को दी गई। पुलिस पूछताछ में दोनों मोटरबोट सिंगलदीप निवासी दीपू पटेल की होने की जानकारी मिली। दीपू पूर्व में भी रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन करते हुए पकड़ा जा चुका है।
जानकारों का कहना है कि रेता माफियाओं पर कार्रवाई के मामले में हमेशा दोहरा रवैया अपनाया जाता है। सत्ता के साथ रहने वाले बेखौफ नदियों को तट छलनी करते हैं। कार्रवाई तब होती है, जब कोई कम रसूसख वाला इस क्षेत्र में दो-दो हाथ करने के लिए उतरता है। इसी का नतीजा है कि जबलपुर जिले के ज्यादातर नदियां अपने मूल स्वरूप को खोती जा रही हैं।
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