
जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर आज जमकर आरोप लगाए। उन्होंने कहा तीन कृषि कानून एक साथ लाने का मकसद कॉरपोरेट हाउस को फायदा पहुंचाना है। मंडी कानून का नियम बनाने का अधिकार राज्यों का है केंद्र सरकार उस पर भी अतिक्रमण कर रही है। सरकार भारतीय संविधान के द्वारा दी गई व्यवस्था पर भी अतिक्रमण कर रही है। केंद्र सरकार का कहना था कि किसानों को इस कानून से मुक्त कर दिया है तो किसान तो पहले भी मुक्त था और आज भी है इसमें नया क्या है।
किसान आंदोलन
इस कानून से किसानों के साथ ठगी होगी क्योंकि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके पैन कार्ड और आधार कार्ड देकर किसानों की उपज को खरीद सकता है। लेकिन भुगतान के मामले में कोई स्पष्ट नियम नहीं है। यही नहीं किसान अदालत में भी नहीं जा सकते तो यह कैसा कृषि कानून है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसान आंदोलन में राजनीति और राजनीतिज्ञों से दूर रहकर आंदोलन कर रहे हैं हम उनका समर्थन करते हैं। किसान आंदोलन में सिविल सोसायटी के लोगों को परेशान करने का उन्होंने आरोप लगाया। इसके लिए उन्होंने दिशा रवि का नाम लिया।

निजीकरण का विरोध
राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार पब्लिक सेक्टर यूनिट्स को बेच रही है यह ठीक नहीं है। जब हमारे ऊपर कोई संकट होता है तो हम घर के गहने और संपत्ति को नहीं बेच देते । इस निर्णय से कई लोग बेरोजगार हो जाएंगे। खास तौर पर एलआईसी का जिक्र कर उन्होंने कहा कि यह मुनाफा देने वाली कंपनी है लेकिन इसे भी सरकार बेचने जा रही है। कुछ नवरत्न कंपनियों को भी इसमें केंद्र सरकार ने शामिल किया है। उनका कहना था कि देश में 2014 से ही आर्थिक हालत खराब हो रहे थे हमारी स्थिति बांग्लादेश से भी बदतर है।

पेट्रोल के दाम और टैक्स
उन्होंने कहा कि सरकार डायरेक्ट टैक्स नहीं बढ़ा रही है। जिसका सीधा ताल्लुक बड़े उद्योगपति और कारोबारियों से होता है ।बल्कि अप्रत्यक्ष टैक्स ज्यादा बढ़ा रही है इससे गरीब तबका प्रभावित हो रहा है। पेट्रोल और डीजल के दाम तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। रसोई गैस की कीमत हर माह 1 से 2 बार बढ़ाई जा रही है। सब्सिडी को बंद कर दिया गया है। इस सरकार पर राहुल गांधी का वह कटाक्ष जिसमें उन्होंने कहा था कि यह सरकार सूट-बूट वाली सरकार है सही बैठता है।
राम मंडी का चंदा
उन्होंने श्री राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित किए जा रहे हैं चंदे पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि श्री राम जन्मभूमि न्यास में चंदा वसूली का अधिकार किसे दिया है। कई जगहों से यह भी शिकायतें आ रही है कि जो चंदा लिया जा रहा है उसकी रसीद भी नहीं आ रही है। हम सभी राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में है। मैंने स्वयं इस कार्य के लिए चंदा दिया है। अल्पसंख्यक वर्ग भी इसके पक्ष में हैं लेकिन चंदे का हिसाब किताब होना चाहिए।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/2N0RqUp
#jabalpur
0 Comments