अब नहीं हैं तालाब, श्मशान की जमीन पर अवैध कब्जे

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट को जबलपुर कलेक्टर की ओर से रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि जबलपुर के भेड़ाघाट के समीप स्थित ग्राम सहजपुर में सरकारी जमीन पर स्थित सार्वजनिक तालाब व श्मशान में अब कोई अवैध कब्जा नहीं है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर ले लिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका का उद्देश्य पूरा पाकर इसे निराकृत कर दिया। शहपुरा-भिटौनी तहसील की ग्राम पंचायत सहजपुर के निवासी राजेंद्र सिंह ने अप्रैल 2018 में यह जनहित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनूप नायर ने कोर्ट को बताया कि सहजपुर में सरकारी जमीन पर सार्वजनिक तालाब व निस्तार की जमीन है। इसके बगल में श्मशान की जगह है। लेकिन इन जमीनों पर शहपुरा के झारिया मोहल्ला निवासी भावना पटेल ने अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण आरंभ कर दिया है। मार्च 2019 में कोर्ट ने सरकार से याचिका पर जवाब मांगा था। सरकार के जवाब का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने 7 दिसम्बर 2019 को याचिका का पटाक्षेप करते हुए कलेक्टर को अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। गत सुनवाई में कलेक्टर की ओर से रिपोर्ट पेश की गई थी। इसमें बताया गया कि तहसीलदार के प्रतिवेदन के अनुसार जमीन में अतिक्रमण पाए गए। कोर्ट ने कलेक्टर को कहा था कि पूर्व निर्देश के तारतम्य में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर नए सिरे से रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मंगलवार को कलेक्टर की ओर से नए सिरे से रिपोर्ट पेश कर दी गई। इसके आधार पर याचिका का पटाक्षेप कर दिया गया। राज्य सरकार का पक्ष उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने रखा।



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