ग्वारीघाट में नाले के पानी से पुण्य की डुबकी, हो रहा आचमन: देखें वीडियो

जबलपुर। नर्मदा जल को ग्वारीघाट में दो नाले ङ्क्षचताजनक स्थिति तक गंदा कर रहे हैं। अफसर पूरी तरह से अनजान बने हुए हैं। इन नालों को न नदी में मिलने से रोका जा रहा और न इनकी गंदगी के शोधन की व्यवस्था की जा रही है। 19 फरवरी को नर्मदा जयंती पर होने वाले आयोजन में सूबे के अलावा दूरदराज के लोग भी ग्वारीघाट आकर इस गंदगी का सामना करेंगे। संस्कारधानी का संत समाज भी नगर निगम की इस लापरवाही पर खासा नाराज नजर आ रहा है।

19 फरवरी को नर्मदा जयंती पर होना है आयोजन
नर्मदा का आंचल मैला कर रहे नाले जिम्मेदारों की हददर्जे की अनेदखी

 

दावे खोखले- नर्मदा में गंदे नाले रोकने के तमाम दावे अब तक खोखले ही साबित हुए है। नगर निगम, जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने हर बार नर्मदा को गंदगी से मुक्त करने के बढ़-चढकऱ वादे-दावे किए। नगर निगम ने हर बजट में लाखों की राशि का प्रावधान भी किया, लेकिन गंदे नालों को रोकने को कोई भागीरथी प्रयास नहीं हो सके। ग्वारीघाट के खारीघाट और सिद्धघाट में ही दो नालों सहित कई नालियों का गंदा बैक्टीरियायुक्त पानी नर्मदा में समाहित हो रहा है। जनप्रतिनिधि, अधिकारियों के प्रयास दरोगाघाट के पास सिर्फ दो ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर ही सीमित रह गए।

निगम ने दरोगाघाट के पास करीब साढ़े 5 लाख लीटर क्षमता के दो ट्रीटमेंट प्लांट लगाए। पूर्व महापौर प्रभात साहू के कार्यकाल में 50 लाख की लागत से एक लाख लीटर का ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था। पूर्व महापौर स्वाति गोडबोले ने इसकी क्षमता बढ़ाते हुए एक करोड़ 65 लाख रुपए की लागत से 4 लाख 50 हजार लीटर क्षमता दूसरा प्लांट लगवाया। इसमें से एक लाख लीटर पानी साफ करने वाला प्लांट बेकार हो गया है।

दोनों गंदे नाले मेरी जानकारी में हैं। जल्द ही इनकी गंदगी नर्मदाजल में मिलने से रोकने के लिए प्रबंध किया जाएगा। नर्मदा जयंती 19 फरवरी को बहुत करीब है। इतनी जल्दी यह कार्य सम्भव नहीं हो सकता। फिर भी सभी सम्भव प्रयास होंगे।
अनूप कुमार सिंह, नगर निगम आयुक्त



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