किसानों का रखा जा रहा विशेष खयाल, तीन हजार को दोबारा भेजे एसएमएस

 

जबलपुर। तीन हजार से ज्यादा किसानों को दोबारा एसएमएस भेजकर उनकी खरीदी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इन किसानों को पहले भेजे गए एसएमस की अवधि समाप्त हो गई है। इस प्रक्रिया के बावजूद अभी धान की खरीदी अधिक गति नहीं पकड़ पाई है। जबलपुर जिले में चार लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक 2 लाख 75 हजार मीट्रिक टन धान किसानों से खरीदा गया है। जिले में 107 खरीदी केंद्रों पर धान का उपार्जन किया जा रहा है। करीब 26 हजार 400 किसान अपनी उपज बेच चुके हैं। जबकि पंजीकृत किसानों की संख्या 45 हजार से अधिक है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इसमें तेजी आ सकती है। कुछ किसान एमएसएम की अवधि के पश्चात खरीदी केंद्र पर पहुंचे थे। उनके धान की तुलाई हो चुकी थी, लेकिन जब खरीदी की बात आई तो पता चला कि उसकी अवधि ही समाप्त हो गई। ऐसे में खरीदी केंद्रों में ही यह अधिकार दिए गए हैं कि वे दोबारा एसएमएस जारी करें।

एनआइसी के माध्यम से किसानों को एसएमएस भेजे गए जिन्होंने उपार्जन के लिए पंजीयन कराया था। पहली बार करीब 45 हजार किसानों को संदेश भेजा गया। इसकी अवधि 15 दिन होती है। वहीं यदि दूसरी बार एसएमएस मिलता है तो किसान को सात दिन के भीतर खरीदी केंद्र आना होगा। तीसरे एसएमएस का कोई प्रावधान नहीं है। जिले में धान की खरीदी की तरह ही धीमी गति से भुगतान भी हो रहा है। अभी तक किसानों पर शासन की देयता लगभग 512 करोड़ रुपए हो गई है। दूसरी तरफ भुगतान लगभग 346 करोड़ का हुआ है। यानि 165 करोड़ रुपए से ज्यादा भुगतान अभी किसानों को होना बाकी है। एनआइसी के तकनीकी निदेशक आशीष शुक्ला ने बताया कि धान खरीदी के लिए किसानों को एसएमएस सम्बंधी कोई बाधा नहीं आए, इसके लिए इंतजाम किए गए हैं। पूर्व में करीब 45 हजार एसएमएस भेजे गए थे। कई ऐसे किसान थे जिनके एसएमएस की वैलिडिटी समाप्त हो गई थी, उन्हें दोबारा यह उपलब्ध कराए हैं।



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