
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने सोमवार को मौखिक टिप्पणी कर कहा कि प्रदेश के तीन बड़े महानगरों में से भोपाल और इंदौर में तो ऑटो रिक्शों का संचालन व्यवस्थित तरीके से हो रहा है। लेकिन जबलपुर में अवैध ऑटो रिक्शे चल रहे हैं और यहां यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के परिवहन आयुक्त (ट्रांसपोर्ट कमिश्नर) को निर्देश दिए कि वे 30 सितम्बर 2019 को दिए गए हाइकोर्ट के निर्देशों का पालन करने के सम्बंध में शपथपत्र पर जवाब प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
हाईकोर्ट ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से शपथपत्र पर मांगा जवाब
जबलपुर में क्यों नहीं रुक रहा ऑटो रिक्शों का अवैध संचालन
यह है मामला
अधिवक्ता सतीश वर्मा व नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया कि शहर में चल रहे ऑटो रिक्शा कॉंन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। इन अवैध ऑटो रिक्शों व इनकी धमाचौकड़ी पर नियंत्रण करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। आग्रह किया गया कि इस मनमानी पर लगाम लगाई जाए। ओवरलोडिंग रोकी जाए। मनमाना किराया वसूली रोकने के लिए किराया सूची सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा की जाए। जगह-जगह रोक कर सवारियां चढ़ाने-उतारने की बजाय रूट व स्टॉप फिक्स किए जाएं।

705 ऑटो को परमिट देने से रोक हटी
ऑटो डीलरों की हस्तक्षेप याचिका दायर कर कहा गया कि 19 जनवरी 2019 को हाईकोर्ट ने नए ऑटो के परमिट जारी करने पर रोक लगा दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट की रोक की वजह से उन 705 ऑटो को परमिट नहीं मिल पा रहा था, जो हाईकोर्ट के आदेश के पहले खरीदे गए। कोर्ट ने इन 705 ऑटो को परमिट जारी करने पर लगाई रोक वापस ले ली।
शहर भर में दौड़ रहे मॉडीफाइड ऑटो
कोर्ट ने पूर्व सुनवाइयों के दौरान राज्य सरकार की कार्रवाई को नाकाफी बताया था। कहा था कि पूरे शहर में मॉडीफाइड ऑटो रिक्शे दौड़ रहे हैं। इनमें ड्राइवर सीट को बढ़ा लिया गया है। सीट के सामने पटिया लगा कर अतिरिक्त सवारियां ठूंस-ठूंस कर ढोई जा रही हैं। इनके चलते अराजक स्थित उत्पन्न हो रही है। कोर्ट ने कहा था कि बिना समुचित जांच के रूट परमिट दिए जा रहे हैं। ऑटो रिक्शा वाले मनमानी तरीके से कहीं भी रोक रहे हैं। सवारियों की ओवरलोडिंग हो रही है।
पालन के नाम पर दिखावा
सोमवार को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के 30 सितम्बर के आदेश का पालन अब तक नहीं हुआ। जिसमें कोर्ट ने अवैध ऑटो रिक्शों का संचालन रोकने को कहा था। उन्होंने तर्क दिया कि अन्य महानगरों की तुलना में जबलपुर में ऑटो रिक्शों की व्यवस्था ध्वस्त है। यहां करीब 5 हजार अवैध ऑटो बिना परमिट के दौड़ रहे हैं। कोर्ट अब तक कई निर्देश दे चुका है, लेकिन पालन के नाम पर दिखावा हो रहा है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को शपथपत्र पर एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
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