
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट के 26वें चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने कहा कि मप्र हाईकोर्ट का इतिहास गरिमामय रहा है। इस हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त होकर वे अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि वे बार की मदद से समाज के आखिरी छोर तक न्याय की रोशनी पहुंचाने के लिए कार्य करेंगे। चीफ जस्टिस ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया। हाईकोर्ट के साउथ ब्लॉक सभागार में सीजे के स्वागत के लिए वर्चुअल समारोह आयोजित किया गया था।
पूर्व चीफ जस्टिस बने हैं सीजेआई
चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने कहा कि मप्र हाईकोर्ट के जजों ने सुप्रीम कोर्ट की आसंदी को भी सुशोभित किया। उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस एम हिदायतुल्लाह, दीपक मिश्रा व वर्तमान सीजेआई शरद बोबड़े का जिक्र करते हुए कहा कि इन न्यायमूर्तियों ने मप्र हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस रहने के बाद देश के सर्वोच्च न्यायालय में भी प्रमुख न्यायाधीश के पद को नवाजा।
ऐतिहासिक फैसलों के लिए विख्यात
स्वागत समारोह को ऑनलाइन सम्बोधित करते हुए मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल ने कहा कि जस्टिस रफीक अपने ऐतिहासिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ‘पत्रिका’ में प्रकाशित जस्टिस रफीक के दो न्याय दृष्टांतों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश को भी उनसे ऐसे ही न्याय की अपेक्षा है। पटेल ने उम्मीद जताई कि चीफ जस्टिस रफीक इस पर खरे उतरेंगे।
मिलेगी नई परवाज
मप्र हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस हाईकोर्ट ने देश को कई न्यायविद दिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए चीफ जस्टिस इस हाईकोर्ट की न्यायशीलता को नई परवाज देंगे। स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कई वकीलों के हालात ठीक नहीं है। उन्होंने चीफ जस्टिस से हाईकोर्ट में पूर्ववत भौतिक सुनवाई आरम्भ करने की गुजारिश की।
बार काउंसिल प्रतिनिधिमंडल मिला
सुबह मप्र स्टेट बार काउंसिल के प्रतिनिधिमंडल ने नए चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक के बंगले पहुंच कर उनसे सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने चीफ जस्टिस रफीक से हाइकोर्ट में भौतिक सुनवाई आरम्भ करने की मांग की। चीफ जस्टिस ने इस विषय पर विचार कर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। काउंसिल सदस्य मनीष तिवारी, राधेलाल गुप्ता, आरके सिंह सैनी उपस्थित थे।
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