
लाली कोष्टा@जबलपुर/ दुबली पतली लडक़ी क्या वजन उठा पाएगी, इसे तो कोई कोमल सा काम करना चाहिए। वेटलिफ्टिंग और पहलवानी जैसे काम इसके लिए नहीं हैं। कुछ ऐसा ही ताना सुन सुनकर उसकी हिम्मत टूटी नहीं बल्कि और मजबूत अटल हो गई। उसने अपनी कमजोरी को मजबूती बनाया और देश में नाम कर दिया। हम बात कर रहे हैं जबलपुर की वेटलिफ्टर और योगा मास्टर साधना सेन की। साधना देखने में दुबली पतली जरूर दिखती हैं, लेकिन वे राष्ट्रीय स्तर पर वेटलिफ्टिंग चैम्पियन रह चुकी हैं। इसके अलावा वे आत्मरक्षा के गुण सिखाने वाली एक ऐसी लडक़ी हैं जिन्होंने सैकड़ों लड़कियों को स्वयं की रक्षा के लिए सक्षम बना दिया है। जीवन का नाम बस चलते जाना है रुकना नहीं और मैंने वही किया यह कहना है शहर की पावर लिफ्टर साधना सेन का जो वर्तमान में जिम एवं योगा ट्रेनर है साथ ही अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी हैं और समाज सेवा का कार्य कर रही हैं।

साधना बताती हैं कि 2015 से उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू किया और उन्हें पावर लिफ्टिंग खेल बहुत अधिक पसंद है 2015 से लेकर 2019 तक कई बार उन्होंने जबलपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने भार वर्ग में गोल्ड सिल्वर और ब्राउन मेडल जीते हैं। उसके अलावा उन्होंने मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्तराखंड के काशीपुर में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में भी मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया साथ ही 2018 में उन्होंने जमशेदपुर में आयोजित नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में अपने भार वर्ग में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते।
पावर लिफ्टिंग के अलावा साधना योगा में भी नेशनल की खिलाड़ी है। वे बताती हैं कि 2017 में जिम में अभ्यास करते हुए उनको लिगामेंट इंजरी हो गई थी और डॉक्टर ने वजन उठाने के लिए साफ मना कर दिया था लेकिन मैं रुकना नहीं चाहती थी मैंने डॉक्टर से पूछा इसे कैसे ठीक किया जाए तो उन्होंने मुझे कुछ एक्सरसाइज और योगा करने के लिए कहा। मैंने योगा शुरू किया और इंदौर एवं रतलाम में आयोजित योग प्रतियोगिता में जबलपुर का प्रतिनिधित्व किया साथ ही आगरा में आयोजित नेशनल योग चैंपियनशिप में भाग लिया और ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके अलावा साधना पैरामेडिकल काउंसिल से योगा सर्टिफाइड है और अपने बैच की टॉपर है

आत्मरक्षा के लिए लड़कियों को किया प्रेरित
साधना बताती हैं कि उन्होंने कराते एवं जूडो का प्रशिक्षण लिया है कॉलेज के समय में उन्होंने जूडो में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व नेशनल लेवल पर किया है जो प्रतियोगिता चंडीगढ़ में आयोजित की गई थी। इसके अलावा साधना एनसीसी में सी सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी हैं और अपने बैच की बेस्ट कैडेट रही हैं।
लड़कियों को सिखाती है आत्मरक्षा के गुण
आज के माहौल के बारे में चर्चा करते हुए साधना ने कहा कि माहौल लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं है इसीलिए वे लड़कियों को मार्शल आर्ट सिखाती है जिसमें वे छोटी-छोटी तकनीकों के द्वारा उन्हें खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए की जानकारी देती हैं। आत्मरक्षा के लिए साधना ने अभी तक बहुत कार्य किया है उन्होंने सिहोरा, गांधीग्राम, राजा इमलाई, कटंगी, कुंडम एवं जबलपुर के अनेक आंगनवाड़ी केंद्रों में लगातार प्रशिक्षण दिया है। जिसमें वे दो हजार से अधिक बच्चियों को प्रशिक्षित कर चुकी है।इसके अलावा जबलपुर की अनेक सामाजिक संस्थाओं एवं कोड रेड टीम के साथ मिलकर भी बे जबलपुर में अनेक स्थानों पर आत्मरक्षा के शिविर आयोजित कर चुकी हैं।
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