
गोसलपुर। सिहोरा तहसील के गोसलपुर विद्युत वितरण केंद्र के अंतर्गत अनेक क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई हेतु शासन द्वारा तय किए गए 10 घंटे में महज 7 से 8 घंटे बिजली मिल पा रही है। इस आशय की शिकायत किसानों ने अनेक बार विद्युत मंडल के उच्चाधिकारियों से की परंतु सुधार नहीं किया जा रहा है। कूड़ा गांव के कृषक अर्जुन पटेल, जेपी दुबे मोतीलाल ने बताया कि बड़ी मुश्किल से 7 से 8 घंटे बिजली मिल पाती है। जिससे रवि के सीजन में बोई गई फसलों की सिंचाई करने में परेशानी झेलनी पड़ती है। कछपुरा के कृषक पंचम लाल पटेल ने बताया कि रात्रि कालीन दी जाने वाली बिजली बड़ी ही कष्टदाई होती है। शीत ऋतु में किसानों को 2.00 बजे रात के बिजली दी जाती है। घुप्प अंधेरे में रात के खेतों में फसलों की सिंचाई करने में बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही घटना दुर्घटना होने का भी अंदेशा रहती है।
विद्युत वितरण केंद्र के अंतर्गत मुरता गांव के चौधरी मुहल्ले में लगा ट्रांसफार्मर कई दिन से खराब है। उक्त ट्रांसफार्मर से लगभग 4 से 5 किसानों के कृषि पंप कनेक्शन हैं। कृषक सुखलाल चौधरी विजय तिवारी तुलसी पटेल ने बताया कि ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत खितौला कनिष्ठयंत्री से की जा चुकी है, परंतु अभी तक ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया, जिस कारण समय पर फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
विद्युत कर्मचारियों द्वारा समय रहते विद्युत लाइनों का मेंटेनेंस न करने के कारण गोसलपुर क्षेत्र के कृषि पंपों हेतु लगाए गए ट्रांसफार्मरों तक पहुंचने वाली विद्युत केबल जगह-जगह खेतों में झूल रही हैं। भले ही मेंटेनेंस के नाम पर शासन करोड़ों रुपए खर्च करता है एवं कई घंटों बिजली की आपूर्ति बाधित रहती है परंतु हालात यह है कि अनेक जगहों पर केवल खेतों पर झूल रही है। जिससे कभी भी दुर्घटना घटित हो सकती है। इसी प्रकार अनेक जगहों पर जुगाड़ के ठीहों में बैठे ट्रांसफार्मर झुक गए हैं। अनेक जगहों पर केवल लाइनें कटी हुई
केवल लाइन से किसानों को सीधे कनेक्शन दे दिए जाते हैं। जबकि खंभों में बॉक्स लगाने का नियम है ताकि दुर्घटना ना हो फिलेक्सी प्लान अपनाया जाए।
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