
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट से भोजपुर के भाजपा विधायक सुरेन्द्र पटवा को राहत नहीं मिली। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बेंच ने पटवा के खिलाफ सांसद, विधायकों की विशेष अदालत के समक्ष लम्बित चेक बाउंस के छह मामलों में रकम जमा करने के लिए समय देने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने पटवा को विशेष अदालत के समक्ष इस सम्बंध में आवेदन देने की स्वतंत्रता दे दी। कोर्ट ने वर्तमान व पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ लम्बित अपराधिक प्रकरणों में हुई प्रगति के सम्बंध में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राज्य सरकार को मोहलत दे दी। अगली सुनवाई 15 दिसम्बर तय की गई। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितम्बर 2020 को सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से कहा था कि वे उनके यहां लंबित ऐसे आपराधिक मामलों को तत्काल सुनवाई के लिए उचित पीठ के समक्ष लगाएं। विशेषकर जिन मामलों में कोर्ट ने रोक आदेश जारी कर रखा है, उनमें पहले यह देखा जाए कि रोक जारी रहना जरूरी है कि नहीं। अगर रोक जारी रहना जरूरी है, तो उस मामले को रोजाना सुनवाई करके दो महीने में निपटाया जाए। इसमें कोई ढिलाई न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुख्य न्यायाधीशगण यह भी विचार करें कि जिन मुकदमों की सुनवाई तेजी से चल रही है, उन्हें दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की जरूरत है कि नहीं या ऐसा करना उचित होगा कि नहीं। मुख्य न्यायाधीशों से कहा कि वे एक पीठ गठित करें, जो सांसदों-विधायकों के लंबित मुकदमों के निपटारे की प्रगति की निगरानी करे। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश स्वयं और उनके द्वारा नामित न्यायाधीश शामिल होंगे। इसी आदेश के तारतम्य में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर यह याचिका दर्ज की। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट प्रशासन व राज्य सरकार को कोर्ट ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव के साथ उपमहाधिवक्ता आशीष आनन्द बर्नार्ड व हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से अधिवक्ता बीएन मिश्रा उपस्थित हुए। सुरेन्द्र पटवा का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेंद्र सिंह ने रखा।
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