
जबलपुर. मुनाफाखोरी के चक्कर में मासूम बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं लोग। अब स्कूली बच्चों को एमडीएम के तहत दिया जा रहा अनाज भी शुद्ध नहीं रहा। कीड़ायुक्त अनाज दिया जा रहा है बच्चों को। ऐसा एक मामला बरेला के कैलवास प्राथमिक स्कूल में सामने आया है।
बता दें कि कोरोना काल में स्कूली बच्चों को पका खाना देने की बजाय एहतियात के तौर पर अनाज वितरित किया जा रहा है। पता चला है कि बरेला के कैलवास प्राथमिक स्कूल के बच्चों को कीड़ायुक्त गेहूं वितरित कर दिया गया। बच्चे जब गेहूं लेकर घर पहुंचे तो इसका खुलासा हुआ। कीड़युक्त गेहूं देख कर अभिभावक आक्रोशित हो गए। वो सामूहिक रूप से स्कूल पहुंचे और जमकर हंगामा किया। उन्होंने भिभावकों ने इसकी शिकायत प्रधानाचार्य से की। शिकायत के आधार पर प्रधानाचार्य शर्मिला चक्रवर्ती ने सहायता समूह को इस संबंध में गुणवत्ता का ध्यान रखने की हिदायत दी है।
इस संबंध में जिला परियोजना समन्वयक आरपी चतुर्वेदी का कहना है कि गेहूं की सप्लाई एफसीआइ से हो रही है। राशन जिला पंचायत से प्रदान किया जा रहा है। वहीं से मिलने वाला अनाज विद्यार्थियों को वितरित किया जा रहा है। जबलपुर में एक लाख तीस हजार विद्यार्थियों को राशन बांटा जाना है। खराब गुणवत्ता वाले अनाज का वितरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैलवास स्कूल में खराब गुणवत्ता के अनाज वितरण की फिलहाल कोई शिकायत नहीं है। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो इसकी जांच की जाएगी।
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