हाईकोर्ट ने पूछा, कैसे मिली एसडीएम को जमानत

जबलपुर . मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका पेश कर कहा गया कि छतरपुर के पूर्व एसडीएम अनिल सपकाले ने हाईकोर्ट में गलतबयानी कर अग्रिम जमानत का लाभ ले लिया। यह जमानत निरस्त किए जाने का आग्रह किया गया। जस्टिस नन्दिता दुबे की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर मामले पर 4 सप्ताह में जवाब-तलब किया।

यह है मामला

छतरपुर निवासी अभय सिंह भदौरिया की ओर से अधिवक्ता ब्रम्हानंद पांडे ने कोर्ट को अवगत कराया कि एसडीएम सपकाले के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम व अन्य के तहत अपराध कायम किया गया। इस मामले में जमानत लेने के लिए सपकाले की ओर से हाईकोर्ट को अवगत कराया गया कि चालान 24 अप्रैल 2020 को पेश हुआ। जबकि हकीकत यह है कि चालान 8 मई, 2020 को फाइल हुआ था। इस तरह 15 दिन का अंतराल छिपाकर हाई कोर्ट को गुमराह किया गया। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश हैं कि गलत बायानी करके हासिल की गई जमानत को निरस्त कराना शासन की जिम्मेदारी है। याचिका में कहा गया कि एसडीएम सपकाले को जमानत का लाभ राज्य सरकार की ओर से मामले में ठीक से पक्ष प्रस्तुत न किए जाने के कारण भी मिला। यहां तक कि चालान पेश हो जाने की सही जानकारी भी नहीं दी गई। जबकि राज्य सरकार को जमानत आवेदन का विरोध करना था। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/34fe4gY
#jabalpur

Post a Comment

0 Comments