कोरोना से डरना कम हो गया, इसलिए खतरा बढ़ गया

 

जबलपुर। कोरोना के शुरुआती काल में जबलपुर में जिन सावधानियों को ध्यान में रखकर संक्रमण पर नियंत्रण पाया गया था, उन्हें वक्त बीतने के साथ भुला दिया गया है। कोविड केस आने पर लोगों को अलर्ट करने के लिए बनाए जाने वाले कंटेन्मेंट जोन सिमट गए हैं। बाहर से आने वाले क्वारंटीन की पालना नहीं कर रहे हैं। होम आइसोलेट संक्रमित पर प्रशासन की निगरानी कम हो गई। तय आइसोलेशन की अवधी पूरी किए बिना संक्रमित घरों से बाहर निकल रहे हैं। कॉल सेंटर और वीडियो कॉलिंग के जरिए संदिग्ध और संक्रमित पर नजर रखने का काम भी ढीला पड़ गया है। हाल में मिले कुछ कोरोना मरीजों की हिस्ट्री में लापरवाही से संक्रमित होने की बात सामने आई है। जानकारों की मानें तो जिले में कोरोना संक्रमण अभी नियंत्रण में है। लोग और जागरुकता दिखाएंगे तो अभी मिल रहे कोरोना के नए मरीज और कम हो जाएंगे। ट्रेन, हवाई और बस यातायात सुविधा के धीरे-धीरे सामान्य होने के साथ ही लोगों की एक शहर से दूसरे शहर आवाजाही भी बढऩे लगी है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, दिल्ली, मुंबई, लखनऊ सहित कई शहरों से लोगों की आवाजाही हो रही है। इनमें कुछ बड़े शहरों में संक्रमण का फैलाव जारी होने और वहां से आने वाले लोगों के जरिए संक्रमण की फैलाव की आशंका बनी हुई है।

पहले बाहर से आने वाले लोग प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देते थे। एहतियातन क्वारंटीन नियम की पालना करते थे। लेकिन शहर में कोरोना केस कम होने और आवाजाही बढऩे के साथ क्वारंटीन को भूला दिया गया है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि कंटेन्मेंट जोन में लापरवाही पर कार्रवाई कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारी टेलीकॉलिंग से संक्रमित, संदिग्ध के साथ हाई रिस्क मरीज की निगरानी का दावा कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोरोना केस मिलने पर सम्बंधित के घर के आसपास के क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन बनाया जाता है। अब कन्टेन्मेंट जोन की परिधि सिर्फ संक्रमित के घर तक रह गई है। निगरानी में ढील से संक्रमित के परिजन आइसोलेशन अवधी में बाहर घूमने निकल रहे हैं। अनजाने में सम्पर्क में आने वाले दूसरे व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है।

लापरवाही बन रही संक्रमण की वजह
- घर से बाहर निकलने पर थ्री लेयर वाला मास्क ना लगाना।
- नाक के नीचे या गले में मास्क टांग कर भीड़-भाड़ में जाना।
- पार्टी-भीड़-भाड़ में दो गज की दूरी का ध्यान नहीं रख रहे।
- बाहर से आकर सेनेटाइजेशन के बिना घर के सामान छू रहे।
-ज्यादा उम्र होने के बावजूद आवश्यक सावधानी ना रखना।
- बीपी, डायबिटीज से पीडि़त का नियमित जांच, दवा ना लेना।



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