
जबलपुर. इन युवाओं का मुरीद पूरा शहर है। हो भी क्यों न, ये कभी भूखों का पेट भरते हैं। अब जब शीतलहर शबाब पर है तो ये जरूरतमंदों के बीच गर्म कपड़े बांट रहे हैं। वैसे इनका जो काम होता है वह सब टॉप सिक्रेट होता है। पहले से किसी को पता नहीं होता कि ये कब क्या करने वाले हैं। ये अपनी मुहिम में किसी की मदद भी नहीं लेते। सारा खर्च खुद वहन करते हैं। वैसे शहर में इन्हें रॉबिन हुड के नाम से जाना जाता है।
रॉबिन हुड आर्मी के रॉबिन्स (सदस्य) कहते हैं कि वर्तमान में कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है। रात के वक्त हम लोग दो-दो गर्म कपड़े, मफलर टोपी, दस्ताने पहनकर निकलते हैं, लेकिन जब छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से ठिठुरते देखते हैं तो कई बार मन करता है कि अपने गर्म कपड़े निकालकर इनको दे दें। वो कहते हैं कि ठंड से बचाव के इस अभियान को हम लोगों ने क्रिसमस को देखते हुए 'सीक्रेट सांता' नाम दिया है। इसके तहत हम लोग पहले से किसी को बताते नहीं, सड़कों पर रात को घूम-घूम कर कंबल व गर्म कपड़े वितरित करते हैं, जो जरूरतमंद के लिए किसी बड़े उपहार से कम नहीं। इसलिए अभी सभी रॉबिन्स सीक्रेट सांता बन लोगों के बीच इस तरह का उपहार बांट रहे हैं।
संस्था के युवा सदस्यों का कहना है कि आम दिनों में वे सभी स्वेच्छा से बिना किसी आर्थिक लाभ लिए भूखों को भोजन बांटते हैं, ठीक उसी तरह ठंड में कपड़े बांट रहे हैं। रात के समय हम लोग निकलते हैं और जहां जो जरूरतमंद मिलता है उसे कपड़े देकर ठंड से बचाने का प्रयास करते हैं।
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