दोस्त की मौत से परेशान हो गया था 'राम' , अब पालतू बनाने की दी जा रही ट्रेनिंग

जबलपुर। सिवनी के जंगल से करीब ढाई माह पहले करीब 20 हाथियों का दल निकला। हाथियों ने मंडला जिले की वनसीमा में प्रवेश किया और वातावरण अनुकूल पाकर करीब दो माह रहे। करीब 15 दिन पहले इन वन्यजीवों का दल सिवनी लौट गया। इसी दौरान दो हाथी राम-बलराम अपने दल से बिछुड़ गए, जो साथियों को खोजते हुए कान्हा रिजर्व पार्क पहुंचे और दो दिन रहकर मंडला चले गए। वहां से भटके दोनों हाथी वनमंडल जबलपुर में आ गए। राम-बलराम में बलराम की मौत हो गई है। करंट ने बलराम हाथी को छीन लिया, तो उसकी मौत के बाद राम परेशान रहने लगा है।

ww187785.jpg

अब बनेगा कान्हा की पहचान

बलराम की मौत के बाद से राम गायब हो गया था। राम हाथी के रेस्क्यू का प्रयास चल रहा था। छह दिसंबर को वह जबलपुर-मंडला के विभिन्न वन परिक्षेत्रों से होकर कान्हा के परसाटोला में पहुंचा था। वहां उसे ट्रेंक्यूलाइज किया गया। जिसके बाद उसे किसली लाया गया, जहां अब उसे पालतू बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। राम हाथी अब कान्हा टाइगर रिजर्व की पहचान भी बनेगा।

elephant_1280p.jpg

लगातार रखी जा रही है नजर

विशेषज्ञों की टीम उसके स्वभाव को जानने में लगी है। बताया जा रहा है कि करीब पांच से छह माह के प्रशिक्षण के बाद इसे पालतू बनाने में कामयाबी मिलेगी।उसे अब जंजीरो से जकड़ के रखा जाएगा और समय-समय पर आहार दिया जाएगा। साथ ही आगे का प्रशिक्षण शुरू होगा। गुरुवार को भी उसे आहार देकर लोगों से घुलाया-मिलाया जाएगा। डॉक्टरों की टीम भी लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।

वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि पहली बार ये हो रहा है कि उनका पलायन एमपी की ओर हुआ है। माना जा रहा है कि इन राज्यों में बढ़ते खनन से जंगलों का दायरा सिमट रहा है। इस कारण हाथी नए रहवास की खोज में पलायन करने पर विवश हुए हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/2W6ks5D
#jabalpur

Post a Comment

0 Comments