
जबलपुर। मानसिक विकृति के चलते सौतेले पिता और भाई ने एक मासूम बच्चे को जीवन भर का दर्द दिया है। उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करते हुए दोनों ने बच्चे को मानसिक रूप से प्रताडि़त भी किया। जिसके बाद पिता और पुत्र को पुलिस ने जेल भिजवा दिया।
बुधवार को जिला अदालत ने जमानत की एक अर्जी पर सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी कर कहा कि मासूम बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य अत्यंत गम्भीर घटना है। इसलिए आरोपी सौतेले पिता और भाई को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। इस तरह के दरिंदों का समाज में खुला घूमना खतरे से खाली नहीं। ऐसे मानसिक विकृत जितने अधिक समय तक जेल में रहें, सभ्य समाज के लिए उतना ही बेहतर है। इस मत के साथ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) ज्योति मिश्रा की अदालत ने आरोपियों की जमानत अर्जी निरस्त कर दी।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अजय जैन ने तर्क दिया कि सौतेले पिता और भाई ने मासूम बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया है। फरियादी की रिपोर्ट पर गोहलपुर पुलिस ने धारा 377, 323, 34, 5 (एन)/6 पॉक्सो का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय में पेश किया। जमानत आवेदन का विरोध करते हुए दलील दी गई कि यदि आरोपियों को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वे साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं। अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने जमानत का आवेदन निरस्त कर दिया।
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