भोपाल मास्टर प्लान पर नए साल 2021 में हो सकता है बड़ा फैसला, जानिए क्या है मामला

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने भोपाल मास्टर प्लान 2031 के खिलाफ दायर याचिका पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को रिज्वॉइंडर पेश करने के लिए समय दे दिया है। इसके पूर्व राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई 18 जनवरी को नियत की।

अगली सुनवाई 18 जनवरी को
भोपाल मास्टर प्लान पर रिज्वॉइंडर पेश करने के लिए दी मोहलत

भोपाल सिटीजन फोरम की ओर से सेवानिवृत्त डीजीपी अरुण गुर्टु ने जनहित याचिका दायर कर भोपाल के मास्टर प्लान-2031 को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि टीएनसीपी संचालक ने 10 जुलाई 2020 को भोपाल का मास्टर प्लान-2031 को अधिसूचित किया है। मास्टर प्लान में पूरे ग्रीन बेल्ट को कमर्शियल कर दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और रोहित जैन ने तर्क दिया कि बाघों के कुनबे वाले वन क्षेत्र को आवासीय घोषित कर दिया गया है। यह प्लानिंग वर्ष 2041 में भोपाल की आबादी 36 लाख होने का आकलन करते हुए की गई है, जबकि 2031 तक भोपाल की आबादी 26 लाख होने का अनुमान है। तर्क दिया गया कि मास्टर प्लान के खिलाफ 1700 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई थी। सरकार ने जल्दबाजी में वीसी के जरिए आपत्तियों की सुनवाई कर ली। गुरुवार को सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेने का निर्देश देकर कोर्ट ने रिजॉइंडर के लिए याचिकाकर्ता को समय दे दिया।



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