जाने ऐसा क्या हो गया जो ये शिक्षक लेना चाहते हैं VRS

जबलपुर. कहीं सरकार जबरन सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को VRS के लिए मजबूर कर रही है, पर यहां तो ये शिक्षक खुद ही चाहते हैं voluntary retirement. दरअसल ये इस अत्याधुनिक शिक्षण व्यवस्था के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। ऐसे में इन्होंने स्वैच्छिक सेवानवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया है।

दरअसल ये शिक्षक उन स्कूलों से यानी शिक्षा की उस परंपरा के वाहक हैं जहां शिक्षक और विद्यार्थी रू-ब-रू होते हैं। ऐसे शिक्षकों का मानना है कि जो शिक्षण आमने-सामने बैठकर हो सकता है व वर्चुअल नहीं हो सकता। ये वर्चुअल शिक्षण शैली से तंग आ कर स्वैच्छि सेवा निवृत्ति चाह रहे हैं। इस वर्चुअल शिक्षण के लिए अनवरत जो वर्चुअल ट्रेनिंग हो रही है, वो भी इन्हें नहीं भा रही है। वो इससे तंग आ गए हैं।

वैसे भी इनकी सेवानिवृत्त को ज्यादा वक्त शेष नहीं बचा है, ऐसे में ये अब स्मार्ट फोन से शिक्षण व प्रशिक्षण के प्रति उतने उत्साही नहीं। लेकिन सिस्टम में रहना है तो जो कहा जाएगा वो तो करना ही होगा। ऐसे में इन्होंने स्वैच्छि सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करना ही मुफीद समझा।

बता दें कि नवंबर से लेकर 15 जनवरी तक प्रदेश के शिक्षकों को निष्ठा एप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके तहत सभी शिक्षकों को पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के पाठयक्रम में हुए बदलाव की जानकारी दी जा रही है। इस बदले पाठ्यक्रम की विषय वस्तु के साथ उसे पढ़ाने का सलीका बताया जा रहा है। इन रोज-रोज के प्रशिक्षण ने इन्हें परेशान कर दिया है।

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव संदीप नेमा का कहना है कि प्रशिक्षण से परेशान होकर करीब 250 शिक्षक अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं। इस सूची में वह शिक्षक शामिल है जिनकी उम्र 50-55 है।

शिक्षकों का कहना है कि लगातार वर्चुअल प्रशिक्षण से ज्यादा उम्र के शिक्षक बीमार हो रहे हैं। इस संबंध में अनेक शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन देने का मन बना लिया है लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही प्रशिक्षण समाप्त नहीं करता है तो संघ विरोध प्रदर्शन करेगा। महिला शिक्षिकाओं को सबसे ज्यादा परेशानी क्योंकि इन्हें कंप्यूटर प्रशिक्षण नहीं मिला है। दूसरे कुछ शिक्षकों का आरोप है कि विकासखंड स्तर के अधिकारी प्रशिक्षण के नाम पर प्रताड़ित कर रहे हैं।

प्रशिक्षण को लेकर उम्रदराज शिक्षक परेशान हो रहे हैं। शिक्षक सबसे ज्यादा इस बात को लेकर परेशान है कि उन्हें पहले आनलाइन संसाधन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाना था इसके बाद प्रशिक्षण लेना था। हालांकि यह प्रशिक्षण भोपाल से आयोजित हो रहा है।-अजय कुमार दुबे, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक डीईओ कार्यालय



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/38kpGSQ
#jabalpur

Post a Comment

0 Comments