
NEET 2020: हरियाणा सरकार की ओर से मेडिकल कॉलेजों की फीस में वृद्धि की गई है। सत्र 2020-21 के एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिये शिक्षा शुल्क में वृद्धि से विद्यार्थियों पर बहुत असर पड़ेगा। राज्य सरकार ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिये शुल्क बढ़ाकर सालाना दस लाख रुपये कर दिया है, जो पूरे पाठ्यक्रम के लिये 40 लाख रुपये हो जायेगा।
चिकित्सा शिक्षा शुल्क के ढांचे में बदलाव के साथ विद्यार्थियों को अब चार साल में 3.71 लाख रुपये देने होंगे. इसके अलावा छात्रों को कर्ज की राशि के तौर पर 36,28,270 रुपये भी चुकाने पड़ेंगे। इससे पहले यह शुल्क लगभग 53,000 रुपये सलाना था. इसके अलावा हॉस्टल का खर्च 15,000-20,000 रुपये था।
कुल फीस करीब तीन लाख रुपये थी
हरियाणा में डॉक्टर बनने के लिये कुल फीस करीब तीन लाख रुपये थी। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, चिकित्सकों के पेशे को प्रोत्साहित करने के बारे में एक नीति लायी गयी है, ताकि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में हरियाणा सरकार की चिकित्सा सेवा अथवा सरकारी मेडिकल कॉलेजों का विकल्प चुन सके।
इस नीति के तहत कहा गया है कि उम्मीदवार को बॉन्ड राशि के लिए शिक्षा ऋण की सुविधा का विकल्प देने के साथ ही राज्य सरकार एमबीबीएस पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान में नौकरी मिलने की स्थिति में उम्मीदवारों के कर्ज की किस्त चुकाएगी।
इसमें यह भी कहा गया है कि उम्मीदवार बॉन्ड की राशि और शुल्क का स्वयं भी भुगतान कर सकते हैं। राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का शुल्क 15 लाख रुपये से 18 लाख रुपये के बीच है. आधिकारिक विज्ञप्ति में खट्टर के हवाले से कहा गया कि फीस में कई वर्षों से वृद्धि नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि कई अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा में मेडिकल की फीस अब भी बहुत कम है।
https://bit.ly/32u2AFJ
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/2Iqfr4J
#jabalpur
0 Comments