chandra grahan 2020: कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर पर उपछाया चंद्रग्रहण, इन राशियों पर होगा असर

जबलपुर। कार्तिक पूर्णिमा तिथि 30 नवम्बर को है। रविवार को नर्मदा में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु तटों पर पहुंचेंगे। हिन्दू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-पुण्य करने का महत्व है। इस दिन किसी पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान और दान-पुण्य के कार्य जरूर करना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा। हालांकि, इस ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा, जो प्रभावशाली नहीं है। भेड़ाघाट में लगने वाले पारम्परिक मेले का स्वरूप इस वर्ष सीमित होगा।

उपछाया चंद्रग्रहण का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ग्रहण से पहले सूतककाल का प्रभाव होने से सभी तरह के धार्मिक कार्यों में कुछ देर के लिए रूक जाते हैं। 30 नवंबर को जो चंद्रग्रहण लगेगा वह एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा जिस कारण से इसे ग्रहण नहीं माना जाएगा। ग्रहण नहीं लगने से इसका सूतककाल का प्रभाव नहीं रहेगा। ऐसे में मंदिर के कपाट, पूजा-आराधना और शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

 

Kartik Purnima Chandra Grahan Lunar Eclipse November 2020
IMAGE CREDIT: patrika

चंद्रग्रहण का समय
चंद्रग्रहण की तिथि और समय
ग्रहण प्रारम्भ- 30 नवंबर, दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से आरंभ होगा
ग्रहण मध्यकाल- 30 नवंबर, दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर
ग्रहण समाप्त- 30 नवंबर, शाम 5 बजकर 22 मिनट पर

यह पड़ेगा राशियों पर असर

मेष-उत्साह,उमंग एवं आकर्षण बढ़ेगा।
वृष-मानसिक अशांति,स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मिथुन-मानसिक तनाव हो सकता है,धैर्य बनाए रखें।
कर्क- साहस पराक्रम व संपर्क बढ़ेगा। सिंह धैर्य से काम लें,अपनो से लाभ होगा।
कन्या-क्रोध पर नियंत्रण रखें। ज्यादा बोलने से बचें।
तुला-मित्रों और करीबियों से स्र्के काम बनेंगें।
वृश्चिक-सुख समृध्दि बढ़ेगी। शत्रु पर विजय होगी।
धनु-सेहत खराब हो सकती है,दैनिक दिनचर्या में बदलाव करें।
मकर-मान यश,बढ़ेगा,प्रॉपर्टी खरीद के योग है।
कुंभ-भाग्य की प्रबलता से सभी क्षेत्रों में लाभ।
मीन-रिश्तों में अनुकूलता व करोबार बढ़ेगा।

 

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नर्मदा में डुबकी लगाएंगे लोग, भेड़ाघाट में लगेगा पारम्परिक मेला
कार्तिक पूर्णिमा पर रविवार सुबह से ही ग्वारीघाट, भेड़ाघाट, जिलहरीघाट, उमाघाट, तिलवाराघाट, लम्हेटाघाट सहित तमाम नर्मदा तटों पर मेला लगेगा। इसे देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा में किए गए नर्मदा स्नान एवं दान से कभी न समाप्त होने वाले अक्षय पुण्य का फल प्राप्त होता है। पं. जनार्दन शुक्ला ने बताया कि कार्तिक मास में स्नान एवं दान के साथ भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। जितना पुण्य फल पूरे कार्तिक मास में मिलता है, उतना सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा के दिन नर्मदा स्नान व दान से प्राप्त हो जाता है।



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