
स्मार्ट टॉयलेट बदहाल :
ये है स्थिति
- 75 सुलभ शौचालय का निर्माण
- 60 सामुदायिक शौचालय बनवाए
- 80 पब्लिक टॉयलेट, 150 यूरिनल का भी कराया निर्माण
- 40 से 90 हजार रुपए प्रत्येक टॉयलेट के निर्माण पर हुए थे खर्च
- 1.50 करोड़ रुपए टॉयलेट व यूरिनल के निर्माण पर किए खर्च
- 05-07 लाख रुपए मेंटेनेंस पर हर साल होते हैं खर्च
जबलपुर। आमजन की सुविधा और शहर को ओडीएफ मुक्त करने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से जबलपुर शहर के सार्वजनिक स्थलों, प्रमुख बाजारों, मुख्य मार्गों के किनारे स्मार्ट टॉयलेट और यूरिनल बनाए गए हैं। सुलभ शौचालय और सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया गया है। हर साल इनकी मरम्मत पर लाखों रुपए खर्च होते हैं। इसके बावजूद ज्यादातर स्मार्ट टॉयलेट और यूरिनल बदहाल हैं। किसी का दरवाजा चोरी हो गया है, तो कहीं पानी की टंकी गायब है। कई स्थानों पर टॉयलेट सीट और यूरिनल भी टूट गए हैं। बाकी जगह गायब हो गए हैं। नगर निगम प्रशासन को हर साल ओडीएफ सर्वेक्षण के दौरान स्मार्ट टॉयलेट, सामुदायिक शौचालय व यूरिनल की मरम्मत का ध्यान आता है। एक महीने टॉयलेट व यूरिनल सुधारने की मुहिम चलाई जाती है। इसके बाद निगम का अभियान थम जाता है। नगर निगम के सहायक आयुक्त व स्वच्छता प्रभारी एकता अग्रवाल स्मार्ट टॉयलेट व यूरिनल का निर्माण जनसुविधा के लिए कराया गया है। समय-समय पर इनकी मरम्मत भी कराई जाती है। असामाजिक तत्वों ने कुछ स्मार्ट टॉयलेट के दरवाजे उखाड़ दिए हैं। आवश्यक सुधार कराया जाएगा।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/3kMx9N8
#jabalpur
0 Comments