
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में पीजी प्रथम वर्ष के छात्र डॉ. भागवत देवांगन की आत्महत्या के मामले में एफआईआर के बाद आरोपी पीजी छात्रों डॉ. विकास द्विवेदी, डॉ. सलमान, डॉ. अमन गौतम, डॉ. शुभम शिंदे, डॉ. अभिषेक गेमे फरार हैं। गढ़ा पुलिस ने आरोपी छात्रों के खिलाफ धारा 306, 34 का प्रकरण दर्ज किया है। उधर, मेडिकल कॉलेज प्रशासन आरोपी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
पांचों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी में मेडिकल कॉलेज प्रशासन
रैगिंग मामले में एफआईआर के बाद आरोपी मेडिकल छात्र फरार
यह है मामला
पीजी की पढ़ाई शुरू होने के कुछ दिन बाद ही प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ रैगिंग होने की एक गुमनाम शिकायत एंटी रैगिंग कमेटी को मिली थी। गुमनाम पत्र की शिकायत पर कॉलेज प्रबंधन ने तत्काल एंटी रैगिंग कमेटी से मामले की छानबीन कराई थी। उस वक्त मृतक डॉ. भागवत सहित आर्थो पीजी फस्र्ट इयर के सभी छात्रों के बयान लिए गए थे। उसके कुछ समय बाद ही पीजी छात्र भागवत ने नशीली दवा खाकर जान देने की कोशिश की थी। मनोचिकित्सक के परामर्श पर एक माह अवकाश पर घर गया था। घर से लौटने के बाद हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसकी जांच कर रही पुलिस को परिजनों के जरिए पुरानी रैगिंग की शिकायत की जानकारी मिली।
परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज :
छत्तीसगढ़ के चापा के रहोद निवासी डॉ. भागवत ने इसी वर्ष मेडिकल कॉलेज में ऑर्थोपेडिक पीजी प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। वह कॉलेज के हॉस्टल में रहता था। करीब एक महीने की छुट्टी के बाद 25 सितंबर को जबलपुर लौटा था। वह डिपार्टमेंट नहीं जा रहा था। 1 अक्टबूर का हॉस्टल में फंदे पर झूलता उसका शव बरामद हुआ था।
छात्र की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने जो भी जानकारी मांगी थी वह उपलब्ध करा दी गई है। पुलिस से पत्र प्राप्त होने पर आगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. पी के कसार, डीन, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज
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