
जबलपुर। हर घर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए नगर निगम नई पाइप लाइन बिछाने से लेकर क्षतिग्रस्त पाइप लाइन के सुधार कार्य पर हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। बीते 11 साल में इस कार्य पर निगम ने करीब 150 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके बावजूद पाइप लाइन के लीकेज खत्म नहीं हो रहे हैं। कई इलाकों में लोगों के घरों में गंदा, दुर्गंधयुक्त पानी पहुुंच रहा है।
ड्रेनेज से शिफ्टिंग की दरकार -
नगर के ज्यादातर इलाकों में पानी की पाइप लाइन ड्रेनेज से होकर गुजरती है। जानकारों के अनुसार जीआई पाइप लाइन में बार-बार लीकेज का ये सबसे बड़ा कारण है। लीकेज की समस्या से निजात के लिए नाले-नाली से पाइप लाइन की उपयुक्त शिफ्टिंग आवश्यक है।
अभी भी बिछाई जा रही है पाइप लाइन
अमृत योजना के तहत डेढ़ सौ करोड़ की लागत से नगर में पानी की 15 उच्चस्तरीय टंकियों का निर्माण किया गया है। एक टंकी का निर्माण कार्य जारी है। साथ ही राइजिंग लाइन व सप्लाई लाइन बिछाने का काम जारी है। तकनीकी जानकारों का मानना है कि नई पाइप लाइन बिछाने के दौरान इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि ड्रेनेज से होकर पाइप लाइन न बिछाई जाए।
शहर में पानी की पाइप लाइन में जहां भी लीकेज हैं, सुधार कार्य किया जा रहा है। नई पाइप ड्रेनेज से होकर न बिछाई जाए, इसका ध्यान रखा जाएगा। जिन भी इलाकों में पाइप लाइन में लीकेज है जानकारी दें, सुधार कराया जाएगा।
कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम जल विभाग
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