
जबलपुर. कोरोना के चलते 25 मार्च 2020 से बंद उपभोक्ता अदालतें आठ माह बाद 23 नवम्बर से खुल जाएंगी। जिला उपभोक्ता आयोगों में फिलहाल पांच दिसम्बर तक प्रायोगिक रूप से जिला अदालतों की तर्ज पर सीमित मामलों की भौतिक सुनवाई होगी।
मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग भोपाल के अध्यक्ष के आदेश पर रजिस्ट्रार ने इस आशय के आदेश जारी किए। 23 नवम्बर, 2020 से पांच दिसंबर, 2020 तक यह प्रायोगिक व्यवस्था रहेगी। सफल होने पर आगे भी जारी रखने पर विचार के बाद फैसला लिया जाएगा।
गुरुवार को रजिस्ट्रार, मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, भोपाल ने इस आशय का परिपत्र जारी किया। इसके तहत भौतिक सुनवाई अवधि में कोरोना गाइडलाइन का पूर्ण पालन किए जाने पर जोर दिया गया। उपभोक्ता आयोगों में पीठासीन अधिकारी, अधिवक्ता, स्टाफ और पक्षकार मास्क, सेनेटाइजर व शारीरिक दूरी सहित अन्य सभी सावधानियां बरतेंगे। किसी तरह की स्वास्थ्यगत परेशानी होने पर प्राथमिक चिकित्सा की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया जाएगा। उपभोक्ता अदालतों के परिसर को साफ-सुथरा रखना होगा। धूम्रपान करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। प्रवेश के लिए एक ही द्वार का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी।
पूर्व सचिव ने भेजा था पत्र
जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर के पूर्व सचिव मनीष मिश्रा ने राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर राज्य एवं जिला उपभोक्ता आयोग में प्रत्यक्ष सुनवाई की मांग की थी। पत्र में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने जिला एवं कुटुंब न्यायालयों में 23 नवम्बर से पांच दिसम्बर तक प्रायोगिक तौर पर प्रत्यक्ष सुनवाई किए जाने का परिपत्र जारी कर दिया है। लिहाजा, राज्य एवं जिला उपभोक्ता आयोग में पिछले आठ माह से बंद प्रत्यक्ष सुनवाई भी प्रायोगिक रूप से शुरू की जाए।
उपभोक्ता परेशान
उपभोक्ता आयोगों में भौतिक सुनवाई लॉकडाउन के बाद 25 मार्च से बंद कर दी गई थी। अक्टूबर की शुरुआत में उपभोक्ता अदालतें 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खोली गईं, लेकिन भौतिक या वर्चुअल सुनवाई नहीं हुई। अक्टूबर की शुरुआत से अब तक इन अदालतों में महज नए मामलों की फाइलिंग व अनावेदकों को औपचारिक नोटिस ही जारी किए जाते रहे। इस दौरान मामलों में सिर्फ तारीख बढ़ाई गई।
नए मामलों में आई कमी
कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बाद उपभोक्ता अदालतें खुलीं, तो यहां हर माह दायर होने वाले मामलों की संख्या में खासी गिरावट देखी गई। अधिवक्ता अरुण जैन का कहना है कि कोरोना के पूर्व जबलपुर के दोनों में से प्रत्येक जिला उपभोक्ता आयोग में प्रति माह करीब 200 नए मामले दायर किए जाते थे। लॉकडाउन के बाद जबसे उपभोक्ता अदालतें खुली हैं, तब से नए मामलों की संख्या प्रत्येक आयोग में करीब 100 के आसपास सिमट गई है।
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