कोरोना अटैक रिटर्न: सर्दी का पड़ने लगा सांसों पर असर, 20 प्रतिशत तक बढ़ गए मरीज

जबलपुर। कोरोना की चेन में नए मरीजों की संख्या भले कुछ कम पड़ गई हो, लेकिन सर्दी की दस्तक के साथ कोरोना का खतरा बढ़ गया है। मौसम में परिवर्तन रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहा है। ठंड बढऩे और हवा की गुणवत्ता में गिरावट के साथ लोगों में सांस सम्बंधी समस्या बढऩे लगी है। लोगों को कोल्ड-कफ की शिकायत भी हो रही है। इस महीने की शुरुआत के साथ आई ठंड के बाद अस्पतालों में पलमोनरी मेडिसिन के मरीजों की संख्या में करीब 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ज्यादातर मरीजों मे निमोनिया जैसे लक्षण मिल रहे हैं। यह कोरोना के शुरुआती लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। लोगों की लापरवाही और अनदेखी से कोरोना संक्रमण के फैलाव का खतरा फिर बढ़ गया है। विशेषज्ञ पहले से ही सर्दी के मौसम में कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि की आशंका को लेकर चेतावनी दे चुके हैं। शहर में एक्वालिटी इंडेक्स लडखड़़ाने, संदिग्ध मरीजों की संख्या बढऩे से कोरोना से बचाव के लिए ज्यादा सावधानी बरतना जरूरी है।

 

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एक साथ कई फैक्टर
कोरोना के ज्यादातर मरीजों में निमोनिया के लक्षण होते हैं। लापरवाही और अनदेखी पर निमोनिया बढऩे से यह कोरोना मरीजों के लिए जानलेवा साबित हुआ है। जानकारों के अनुसार वर्तमान स्थिति में त्योहार के कारण सडक़ों पर ज्यादा भीड़ है। वाहनों की रेलमपेल बढऩे से जहरीली धुआं ज्यादा हो रहा है। ठंडी बढऩे के साथ धुंध छा रही है। सांस के जरिए फेफड़े तक जा रही प्रदूषित हवा सेहत को नुकसान पहुंचा रही है। फेफड़ों में संक्रमण से निमोनिया होने का खतरा है। संक्रमण से फेफड़े फूलने पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन को हर अंग तक पहुंचा नहीं पाते है। मरीज को खांसी, बुखार होता है फिर दम फूलने लगता है। ऐसे में कोरोना वायरस हावी हो जाने की आशंका बढ़ जाती है।

 

Corona attack returns

ठंड और हवा में प्रदूषण बढ़ा है। इन परिवर्तन के बाद कुछ दिनों में सांस सम्बंधी रोगियों की संख्या करीब 15-20 प्रतिशत तक बढ़ी है। सडक़, बाजार सहित अन्य जगहों पर भीड़ बढ़ी है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना से सुरक्षा उपायों में लपरवाही हो रही है। अब ज्यादा नाजुक समय है। कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए सभी को सजग रहना होगा। ठंड और प्रदूषित हवा से सांस सम्बंधी समस्या और निमोनिया हो सकता है। इसके साथ ही इम्यून सिस्टम प्रभावित होने से कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण से बचने के लिए ज्यादातर समय घर में रहें।
- डॉ. जितेंद्र भार्गव, डायरेक्टर, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन, एनएससीबीएमसी

निमोनिया के लक्षण

- तेज बुखार, बच्चों को ठंड भी लगती है।
- बच्चे के तरल पदाथ का कम सेवन करना।
- सीने में दर्द और सांस लेने में समस्या।
- बुखार के साथ पसीना। कमजोरी लगना।
- थकान महसूस करना।
- सिरदर्द, अधिक प्यास लगना।
- अधिक पसीना और पेशाब लगना।
- मुंह और आंखों का ड्राई होना।
- फेफड़ों में सूजन, पल्स का बढऩ।
- भूख ना लगना।



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