दशहरा पर करें इस मुहूर्त में पूजन, शक्ति वैभव और सम्पन्नता से भर जाएगा घर

जबलपुर। पूजा-अर्चना, हवन व कन्या भोज के बीच शनिवार को शारदेय नवरात्र की महाष्टमी मनाई गई। सारा दिन शहर शक्ति की भक्ति में सराबोर रहा। मां दुर्गा-काली मंदिरों में शाम तक भक्तों की भीड़ रही। घरों व मंदिरों से जयघोष, मंत्रोच्चार और आरती के मधुर स्वर गूंजते रहे। भक्तों ने दुर्गा सप्तशती व चालीसा पाठ के बाद पूजा, हवन व आरती की। कन्याओं को घरों में बुलाकर आरती उतारी और भोजन कराया। उन्हें उपहार भी दिए गए।

महानवमी आज : हवन, अनुष्ठान, कन्या भोज के साथ होगा व्रत का समापन
माता की भक्ति में संस्कारधानी लीन कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की

आज महानवमी, दशहरा कल- शारदेय नवरात्र का समापन रविवार को महानवमी की पूजा और व्रत की पूर्णाहुति हवन, अनुष्ठान के साथ हो रहा है। हालांकि इस साल नवरात्र पर नवमी, दशमी तिथियों को लेकर विद्वानों में मतभेद है, लेकिन स्थानीय पंडित 25 अक्टूबर को नवमी और 26 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व मनाने पर जोर दे रहे हैं।

 

पूर्वाह्न तक है नवमी
ज्योतिर्विद् पं. जनार्दन शुक्ला के अनुसार जो लोग पहला और आखिरी नवरात्रि व्रत रखते हैं, उन्होंने 24 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखा। पं. शुक्ला के अनुसार इस साल महानवमी तिथि 25 अक्टूबर (रविवार) को पड़ रही है। इसके बाद पूर्वाह्न 10.41 बजे दशमी तिथि लग जाएगी। पं. शुक्ला ने बताया कि सूर्योदय से तीन घंटे तक जो तिथि हो, उस दिन वही तिथि मानी जाती है। इसके अनुसार 25 अक्टूबर को नवमी होगी। इसी दिन नवरात्र व्रत का पारण होगा। नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।

सोमवार को होगा दशहरा- पं. शुक्ला ने बताया कि रविवार को पूर्वाह्न 11.18 बजे दशमी तिथि लग जाएगी। नवमी को हवन आदि के बाद कन्या पूजन होगा। इस दौरान माता का पूजन करने से धन वैभव और सम्पन्नता की प्राप्ति होती है। इस बार नवरात्र के समापन पर कोरोना के कारण भंडारों का आयोजन सीमित स्थानों पर हो रहा है। दुर्गोत्सव समितियों ने भंडारा न कराते हुए केवल कन्याओं को भोजन कराने का निर्णय लिया है। रविवार को नवमी की पूजा व हवन के बाद माता की प्रतिमाओं का भी विसर्जन शुरू होगा। ज्योतिषाचार्य पं. रोहित दुबे ने बताया कि रविवार को विजयादशमी (दशहरा) की भी तिथि है, जो अगले दिन सोमवार तक रहेगी।

नीलकंठ के दर्शन शुभ, शस्त्र पूजा भी
विद्वानों के अनुसार विजयादशमी को नीलकंठ पक्षी के दर्शन शुभ माने जाते हैं। क्षत्रिय धर्म का पालन करने वाले विजयादशमी को शस्त्र पूजन भी करते हैं। उल्लेखनीय है कि दशहरा को सर्वसिद्धि योग व मुहूर्त माना जाता है। विजयादशमी पर वाहन, उपकरण, यंत्रों आदि का पूजन करने की मान्यता है। घर, जमीन, सोना-चांदी, कपड़ा, वाहन आदि की खरीदी के लिए भी दशहरा शुभ मुहूर्त होता है।



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