बढ़ती जा रही बच्चियों और युवतियों से दरिंदगी, डर के साए में जी रहीं जिंदगी!

जबलपुर। पराये तो पराए अपनों ने ही आधी आबादी की जिंदगी दुश्वार कर रखी है। अपनेपन की आड़ में विकृत मानसिकता वाले चेहरे देख समाज को घिन आने लगी है। महिलाओं को देवी का दर्जा देने वाले समाज का ताना-बाना छिन्न हो चुका है। बेटियां व महिलाएं न तो घर में खुद को सुरक्षित पा रही है और न ही बाहर। आलम ये हैं कि ये मासूम अपनी पीड़ा लिए खुद में ही घुट-घुट कर जीने को मजबूर हैं। हाथरस कांड के बहाने ही सही एक बार फिर महिला सुरक्षा लोगों की जुबान पर है। संस्कारधानी भी इससे अछूता नहीं है। पर महिला अपराधों के आंकड़े देख यहां का संस्कार भी शर्मसार हो उठेगा।
न्यूज फैक्ट-
श्रेणी-2018-2019-2020
बलात्कार-179-161-143
अपहरण-288-263-219
छेड़छाड़-249-221-188
डायल-100 पर पहुंची महिला सम्बंधी शिकायत-6000
(01 जनवरी से 31 अगस्त तक)
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महिलाओं के लिए-
-राज्य स्तर पर शिकायत के लिए 1090 ओर 0755-2570017 फोन पर सम्पर्क किया जा सकता है।
-वेबसाइट डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्लयू. डॉट एमपी पुलिस डॉट, जीओवी डॉट इन पर कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है।
जिले स्तर का हेल्पलाइन नम्बर-
डायल-100
महिला थाना-0761-2676118, 9479993844
वीकेयर फॉर यू-0761-3262766/3262767/1091
कोड रेड-इसमें सम्पर्क करने पर विशेष टीम त्वरित कार्रवाई के लिए पहुंचती है। कोड रेड से फोन नम्बर 0761-1515, 7049112341, 43, 44, 46, 47 पर शिकायत कर सकते हैं।
वाट्सअप नम्बर-7587616100
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केस-एक
17 सितम्बर की रात मां-पिता के बीच से शहपुरा क्षेत्र में दो वर्षीय मासूम को एक दरिंदा उठा ले गया। उसने बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी।
केस-दो
पाटन क्षेत्र में 16 वर्षीय बेटी से उसका पिता ही पिछले एक वर्ष से घिनौनी हरकत कर रहा था। जन्मदिन के दिन बेटी ने हिम्मत दिखाई और उसे जेल पहुंचाया।
केस-तीन
04 अक्टूबर को पनागर क्षेत्र में 22 वर्षीय युवती को घर से निकलने पर 24 वर्षीय बाइक सवार युवक ने धमकी देकर बलात्कार किया।

 rape and blackmailing accused
IMAGE CREDIT: patrika

देवी की करते हैं पूजा, लेकिन बेटी-महिलाओं की नहीं करते इज्जत-
शारदेय नवरात्र में हर वर्ष लोग देवी को तो पूजते हैं, लेकिन देवी तुल्य महिलाओं को लेकर उनकी गंदी मानसिकता शर्मसार करने वाली है। जिले में हर तीन दिन में बलात्कार की दो वारदातें सामने आती हैं। वहीं छेड़छाड़ के मामले औसतन प्राय: रोज सामने आती हैं। महिलाओं खासकर नाबालिग और 20 वर्ष से कम उम्र की युवतियों के अपहरण का ग्राफ भी चौंकाने वाला है। जुलाई में नाबालिगों के दस्तयाबी को लेकर अभियान जरूर चलाया गया, लेकिन नतीजे निराश करने वाले थे। कई बार शर्मिंदगी तो कई बार दबाव में महिला अपराध सामने नहीं आ पाते हैं। खासकर बच्चों के मामले में तो कई आरोपी इतने निकट के होते हैं कि बच्चों की बातों पर भी अभिभावक विश्वास नहीं कर पाते हैं।
सौतेला पिता सात वर्षों से मासूम का कर रहा था शोषण
15 वर्षीय किशोरी के साथ पिछले सात वर्षों से 48 वर्षीय सौतेला पिता बलात्कार कर रहा था। मासूम उसकी दरिंदगी का शिकार बनती रही। सोमवार को वह थाने पहुंची और आपबीती सुनाई। पुलिस ने प्रकरण में बलात्कार सहित पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज करते हुए आरोपी की तलाश में जुटी है। पुलिस के अनुसार किशोरी के पिता की मौत के बाद मां ने दूसरी शादी कर ली। मां के साथ वह भी सौतेले पिता के साथ आकर रहने लगी। किशोरी ने बताया कि उसकी उम्र आठ वर्ष रही होगी, जब पहली बार उसके सौतेले पिता ने उसके साथ घिनौनी हरकत की। तब से लगातार ये सिलसिला चल रहा था।
नाबालिग यहां कर सकती हैं अपनी शिकायत-
बच्चों के लिए विशेष तौर पर नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की वेबसाइट्स डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू एनसीपीसीआर डॉट जीओवी डॉट इन पर बच्चों के अधिकारों, दिशा-निर्देशों, अनुशंसाओं, गतिविधियों, महत्वर्पूा निर्णयों जैसी कई चीजें दी गई हैं। यह वेबसाइट हिन्दी व अंग्रेजी में है। इसके होम पेज पर खास है पॉक्सो ई बॉक्स। अगर आपको कोई परेशान कर रहा है,तो इसके माध्यम से शिकायत कर सकते हैं। विशेष यह है कि अग किसी बच्चे के पास मोबाइल नम्बर या ई-मेल आईडी नहीं है तब भी वह शिकायत के लिए दिए गए नम्बर 9868235077, 1098 (चाइल्ड लाइन) पर शिकायत कर सकता है। राज्य स्तर पर फोन नम्बर 0755-2751814 पर पुलिस से शिकायत की जा सकती है।
वर्जन-
महिलाओं या बच्चियों के साथ होने वाले बलात्कार या छेड़छाड़ की वारदातों में दो-तीन प्रतिशत ही बाहरी होते हैं। अधिकतर मामलों में आरोपित कोई नजदीक का होता है। अमूमन परिवार, पड़ोसी, मोहल्ले या कार्यस्थल का कोई परिचित ही आरोपी निकलते हैं। सामाजिक जागरुकता ओर नैतिकता के दम पर ही इस तरहकी घटनाओं से बचा जा सकता है।
प्रीति तिवारी, निरीक्षक, महिला अपराध शाखा
एक्सपर्ट व्यू
समाज में गरीबी के साथ आधुनीकीकरण बढ़ा तो हर कोई महत्वाकांक्षी होने लगा। इससे लोगों में सामाजिक भाव समाप्त होने लगा। वैल्यू में गिरावट आ रही है। उपभोक्तावादी संस्कृति ने सारे वैल्यू समाप्त कर दिए। मोबाइल लोगों की एक बड़ी जरूरत बन गई है। सस्ते डेटा ने युवाओं के साथ ही बड़े लोगों की मनोवृत्ति पर घातक असर डाला है। बलात्कार व छेड़छाड़ की घटनाएं इसी का परिणाम है।
प्रो. ध्रुव दीक्षित, समाजशास्त्री



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