राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति योजना पर लापरवाही का साया

 

जबलपुर। राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति (एनएमएमएस) योजना के तहत केंद्र सरकार मेधावी छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दे रही है। योजना के तहत नवीन एवं नवीनीकरण के आवेदनों की ऑनलाइन एंट्री करने के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल 2020-21 खोला गया है। लेकिन, अभी तक न तो छात्रों की एंट्री की गई है न ही कोई जानकारी दर्ज की गई है। इसका पता योजना की समीक्षा में चला। विभाग ने इस लापरवाही पर डीइओ और डीपीसी को नोटिस जारी किया है। जब इस मामले की समीक्षा की गई तो पता चला कि कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक द्वारा रुचि नहीं ली गई है। जबलपुर में भी भारी समस्याओं से स्टूडेंट परेशान हैं।

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद अभी तक प्रदेश के 28 जिलों में नोडल अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है। इनमें जबलपुर, कटनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, डिंडोरी सहित अन्य संभागों के जिले शामिल हैं। नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप केंद्र प्रायोजित स्कॉलरशिप योजना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को आर्थिक रूप से सहायता के हर साल 12 हजार रुपए स्कॉलरशिप दी जाती है। आरएसके के आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि स्कॉलरशिप को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। डीइओ, डीपीसी को नोटिस जारी किए हैं। कार्रवाई नहीं होने पर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।



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