
जबलपुर। राजस्थान के बारां जिले में शहर की एक युवती की शादी और फिर जेवर आदि समेट कर फरार होने के बाद दोनों की तलाश में पुलिस जबलपुर पहुंची थी। चार दिन पहले आई पुलिस के हाथ न तो युवती लगी और न ही शादी कराने वाला बिचौलिया आया। हालांकि प्रकरण में एक नया मोड़ ही सामने आ गया। पता चला कि युवती को भी बिचौलिए ने भी धोखे में रख कर शादी कराई थी।
माढ़ोताल टीआई रीना पांडे ने बताया कि चार दिन पहले राजस्थान के बारां जिले से एसआई बनवारी लाल सहित तीन सदस्यीय टीम आई थी। टीम को वहां दर्ज 420, 406 भादवि के प्रकरण में प्रभात नगर कठौंदा सूरतलाई निवासी ऊषा ठाकुर व विपिन ठाकुर की तलाश है। विपिन की मध्यस्थता से ऊषा ठाकुर की शादी बारां निवासी युवक से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ऊषा वहां से जेवर आदि लेकर फरार हो गई। इसी प्रकरण में उक्त मामला दर्ज हुआ था।

मामले में चौंकाने वाला खुलासा-
राजस्थान की पुलिस के यहां आने के बाद पता चला कि ऊषा ठाकुर भी मामले की पीडि़ता है। उसे झांसे में रखकर ये शादी कराई गई थी। लडक़े के बारे में झूठ बोलकर जयपुर में शादी कराई गई थी। विपिन ठाकुर के बारे में पता चला कि वह एक मैरिज ब्यूरो कार्यालय चलाता है। उसने कई युवतियों को झांसे में रखकर इसी तरह वहां शादी कराई है। इसके एवज में वह दोनों ओर से पैसे ऐंठता है। यहां तक कि उसने राजस्थान, हरियाणा व पंजाब में कई युवतियों की शादी कराई है। इन प्रदेशों में शादी कराने के नाम पर मुंहमांगा कीमता मिलता है। उसकी गिरफ्तारी के बाद बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।
तो आरोपियों को लीक की गई थी राजस्थान पुलिस के आने की सूचना
पुलिस सूत्रों की मानें तो माढ़ोताल में प्रधान आरक्षक के पद पर कार्यरत एक कर्मी द्वारा विपिन को राजस्थान पुलिस के आने की सूचना लीक की गई थी। इसी के चलते वह और ऊषा ठाकुर राजस्थान पुलिस के हाथ नहीं लगे। उक्त प्रधान आरक्षक को ही टीम के साथ प्रभात नगर कठौंदा भेजा गया था। सीएसपी गढ़ा रोहित काशवानी ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है।
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