मोबाइल बना रहा बच्चों को क्रिमिनल, नहीं संभले तो घातक होंगे परिणाम- देखें वीडियो

जबलपुर। संस्कारधानी के नाम से फेमस इस सिटी को लोग पिछले कुछ सालों में क्राइम सिटी के नाम से जानने लगे हैं। इसकी मुख्य वजह पेरेंट्स द्वारा दी गई छूट का यंगस्टर्स दुरुपयोग कर रहे हैं। साथ ही सायबर क्राइम के बढ़ते मामलों में भी बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स का भी उतना ही हाथ है। वे मोबाइल और इंनटरनेट देने के बाद ये भूल जाते हैं कि उन्हें बच्चों की हर सर्च को देखना भी होगा। नजर नहीं रखने से मामले दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। ये बात पत्रिका टॉक में मंगलवार को लक्ष्मी परिसर में मौजूद महिलाओं ने कही।

पत्रिका टॉक: लेडीज ने कहा सख्त कानून की जरूरत, सायबर क्राइम से यूथ को बचाना जरूरी

प्रिंसिपल कविता श्रीवास्तव ने कहा कि एजुकेशन में आए बदलावों के साथ संस्कारों को जोड़ लिया जाए तो बच्चे आधुनिक शिक्षा के साथ अपनी संस्कृति और संस्कारों का पालन करेंगे। जिससे क्राइम से वे दूर रहेंगे और परिवार व समाज में एक नई पहचान स्थापित करेंगे।

एडवोकेट सरिता सिंह राजपूत ने कहा कि देश में जो कानून बने हैं वे शिथिल हैं, उन्हें सख्त करना होगा। जबलपुर में आए दिन होने वाले अपराधों पर रोक लगाने के लिए क्रिमिनल्स में पुलिस और कानून का भय होना बहुत जरूरी है। इसके लिए सख्त से सख्त कानून बनाने होंगे देश में शांति तभी होती है जब लोगों को कानून का भय होता है।

समाजसेवी अंजू भार्गव ने कहा कि बच्चों को अपराधी बनने से रोकने में मां का सबसे बड़ा रोल होता है। हर बात नारी को ही अपने संस्कारों को लेकर लडऩा होता है। मां यदि सोच ले तो उसका बच्चा कभी गलत रास्ते पर नहीं जा सकता है। अन्य परिजनों की सख्ती बच्चे पर होनी आवश्यक है। ताकि वे कुछ भी गलत करने से पहले सौ बार सोचें।

रोटेरियन साक्षी जैन ने कहा यूथ में बढ़ रही अपराध प्रवृत्ति के लिए सोशल मीडिया, मूवी और परिजनों की छूट है। वे बात बात पर लडऩे मरने और जरूरतें पूरी करने के लिए अपराध का रास्ता अपनाने में नहीं चूक रहे हैं। फैमिली को चाहिए कि वे बच्चे की मनोदशा को समझने उनसे लगातार संवाद करते रहें ताकि वे भटकने से बच जाएं।

हाउसवाइफ जसबीर चौपड़ा का कहना है कि सिंगल फैमिली के चलते ही अपराध और अपराधियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जबकि संयुक्त परिवारों में बच्चा जब बढ़ता है तो उसे अपने परिजनों की डर हमेशा बना रहा है। बचपन से ही उसे संस्कारों की शिक्षा दी जाती है। वे अच्छे बुरे का फर्क बहुत गहनता से समझ पाते हैं।

संस्कारों की बात बताएंगी
अंजू भार्गव ने बताया कि मौजूद सभी महिलाएं अब समय समय पर लोगों को सायबर क्राइम, संस्कारों के साथ शिक्षा और बच्चों में पडऩे वाली बुरी आदतों को लेकर जागरुकता का कार्य करेंगी। शनिवार रविवार को हर क्षेत्र में यह काम किया जाएगा।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/34gIcZR
#jabalpur

Post a Comment

0 Comments