
जबलपुर। कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सेनेटाइजर और हैंडवॉश की भूमिका भी बढ़ी है। लगभग हर घर में लोग दिनभर में कई बार हैंडवॉश या साबुन से हाथों को साफ कर रहे हैं। घर से बाहर निकलते समय, कार्यालय या बाजार जाते समय भी लोग हैंड सेनेटाइजर रखते हैं। इसलिए इनकी मांग सामान्य दिनों की तुलना में 20 से 50 फीसदी बढ़ गई है। स्थानीय स्तर पर करीब छह कम्पनियां हैंड सेनेटाइजर का निर्माण कर रही हैं। इसके अलावा अन्य कम्पनियों के उत्पाद भी शहर में उपलब्ध हैं। मेडिकल स्टोर्स के अलावा अब किराना दुकानों में भी 50 एमएल से 5 लीटर के केन में हैंड सेनेटाइजर उपलब्ध हैं। इसकी सबसे ज्यादा खपत निजी और सरकारी अस्पतालों में है। सरकारी और निजी कार्यालयों में भी सेनेटाइजर रखना अनिवार्य किया गया है।
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे आज: 50 फीसदी बढ़ी मांग, स्थानीय व राष्ट्रीय कंपनियों के उत्पाद उपलब्ध
संक्रमण चेन तोडऩे का हथियार बने हैंडवॉश-सेनेटाइजर

8 से 10 हजार लीटर की बिक्री
एक अनुमान के अनुसार शहर की करीब 200 थोक और 1500 फुटकर दवा दुकानों के अलावा हजारों की संख्या में जनरल स्टोर्स से 8 से 10 हजार लीटर हैंड सेनेटाइजर की प्रतिदिन बिक्री हो रही है। लॉकडाउन के दौरान सेनेटाइजर की कीमत 1000-1200 रुपए प्रति पांच लीटर तक पहुंच गई थी, अब यह 250 से 500 रुपए मेंं उपलब्ध है। इसलिए भी इनकी बिक्री बढ़ी है।
प्रमुख ब्रॉण्ड के हैंडवॉश
पहले बाजार में आधा दर्जन ब्रॉण्ड के हैंडवॉश उपलब्ध थे। अब सभी प्रमुख दवा कम्पनियां और कैमिकल उत्पाद बनाने वाली कम्पनियां सेनेटाइजर और हैंडवॉश का निर्माण कर रही हैं। इसमें आयुर्वेद हैंडवॉश भी शामिल है। यह 100, 150 और 250 एमएल में उपलब्ध है। कीमत कीमत 90 से 150 रुपए तक है।
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