वैन लाइब्रेरी के जरिए जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाते हैं किताब, महिलाओं- दिव्यांग स्टूडेंट्स की मदद करने पर पीएम मोदी ने की संदीप की तारीफ

रविवार को अपने कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हरियाणा के संदीप कुमार की भी तारीफ की। जरूरतमंद बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने की अपनी इस पहल में संदीप खाली हो चुके पेन तक को फेंकने की बजाय उसी खाली पेन में रिफिल डालकर गरीब बच्चों तक पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं वह एक फोन पर किताबें और स्टेशनरी का सामान फ्री में आपके घर तक पहुंचाते हैं।

अपने जोश और जज्बे की बदौलत संदीप कुमार करीब तीन साल से 20 हजार बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। उनके इस काम से प्रभावित होकर अधिकारी, शिक्षक, वकील आदि पेशों के 200 स्वयंसेवक भी उनसे जुड़कर इसमें मदद कर रहे हैं।

सरकारी स्कूलों को देख मिली प्रेरणा

हरियाणा के भिवानी के रहने वाले संदीप कुमार ने इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद जेबीटी का प्रशिक्षण लिया। इस दौरान हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों को देख उनका मन बहुत दुखी हुआ। सरकारी योजनाएं गरीब बच्चों तक नहीं पहुंचने की वजह से वह किताबें, पेन- पेंसिल से वंचित थे। यह सब देख उन्होंने ठान लिया कि अब वह समाजसेवा की ओर कदम बढ़ाएंगे। इसके लिए जेबीटी की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह जनवरी 2016 से ‘ओपन आई फाउंडेशन’ नामक संस्था के जरिए गरीब बच्चों की मदद के लिए जुट गए। धीरे-धीरे लोगों से किताबें मुफ्त में लेने के बाद वह कुछ स्कूलों में जाकर कैंप लगाने लगे। फिर वैन को लाइब्रेरी बनाकर स्कूल तक गए। उनकी इस पहल का अब तक पहली से ग्रेजुएशन तक करीब 20 हजार स्टूडेंट्स फायदा ले चुके हैं।

सोशल मीडिया की ली मदद

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपनी पहल को लोगों तक पहुंचाने के लिए संदीप ने सोशल मीडिया पर अपना नंबर सार्वजनिक किया। साथ ही संदेश दिया कि कोई भी जो किताबें दान करना चाहते हैं, उन्हें बताएं वह लेने आएंगे, ताकि वह गरीब बच्चों तक पहुंचा सके। यही नहीं घर में पेन की रिफिल खत्म होने पर वह उस पेन में वह रिफिल डालकर जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं। इसी तरह पेंसिल भी एकत्रित करते हैं। इसके अलावा कॉपी के आधे पेज खाली हैं तो उसी कॉपी को नया करके बच्चों तक पहुंचाते हैं।

राज्य प्रशासन ने की मदद की अपील

समाजसेवा यह काम करते हुए संदीप ने कंसलटेंसी और ई-कॉमर्स का भी काम किया। इसके जरिए मिली पूंजी का 60 फीसदी भाग गरीब बच्चों की इसी सेवा में लगाते हैं। इस क्रम में उन्होंने खुड्डा लहौरा में एक ऑफिस और लाइब्रेरी भी बनाई है, जिसका किराया 13 हजार रुपए है। इस रकम को चुकाना आसान नहीं, लेकिन संदीप कहते हैं कि आखिरी दम तक इस काम को जारी रखेंगे। इसके लिए उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से लाइब्रेरी के लिए जगह मुहैया करवाने की भी अपील का है, ताकि ज्यादा बच्चों को इसका फायदा मिल सकें।

महिलाओं और दिव्यांगों की भी कर रहे मदद

संदीप कुमार की समाजसेवा सिर्फ शिक्षा तक ही सीमित नहीं है। वह गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए उन्हें सैनेटरी पैड भी मुहैया करवा रहे हैं। वह धनास की कच्ची कालोनी, पुलिस कालोनी, नयागांव की माली कालोनी, मोहाली की दसपुर, मुल्लापुर आदि कालोनियों की महिलाओं को यह सुविधा मुफ्त में दे रहे हैं। साथ ही लॉकडाउन के समय संदीप ने दिव्यांग स्टूडेंट्स की समस्या को समझते हुए किताबें रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया। उन्होंने अब तक ग्रेजुएशन की 40 किताबें रिकॉर्ड की हैं।, जिसे वह नेत्रहीन स्टूडेंट्स तक पहुंचा रहे हैं।



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Meet Sandeep Kumar from chandigarh who is prasied by PM Modi for efforts for helping needy chidlren by giving books through van library and also for helping women and differently-abled students


from Dainik Bhaskar https://bit.ly/3e7jLl7
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