हाथरस और जबलपुर फिर सुर्खियों में, नाबालिग बच्चियों की तस्करी की आशंका

जबलपुर. यूपी के हाथरस में बच्ची संग दुष्कर्म और मौत का मामला अभी चल ही रहा था कि जबलपुर की एक महिला डॉक्टर का नाम सामने आया। आरोप लगा कि वह पीड़ित परिवार के साथ 6 दिन रही। उस महिला डॉक्टर पर दंगा भड़काने का आरोप भी लगा है। यूपी एसआईटी टीम उसकी पड़ताल मे जुटी है। अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि जबलपुर के मंडला के मोहगांव थाने की एक बच्ची के हथरस बस स्टैंड पर मिलने की सूचना के बाद दोनों ही जिले फिर से सुर्खियों में आ गए हैं।

घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि मंडला के मोहगांव थाना क्षेत्र निवासी एक नाबालिग बच्ची हाथरस बस स्टैंड पर मिली है। हाथरस पुलिस की सूचना पर रविवार को मोहगांव थाने से एक पुलिस टीम बच्ची के परिजनों के साथ हाथरस के लिए रवाना हो गई है।

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यह मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ता सा नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि बच्ची ने हाथरस में अपने बयान में कहा है कि उसे काम दिलाने के बहाने लाया गया था और कमरे में बंद कर दिया गया था। यही नहीं इस बच्ची को जहां रखा गया था वहां ऐसी ही 12 अन्य बच्चियां भी थीं जिनमें से कुछ को बेचने की तैयारी चल रही थी। मोहगांव की नाबालिग बच्ची किसी तरह से बंधक बनाने वालों को चकमा दे कर वहां से भाग निकली और बस स्टैंड पहुंच गई। बच्ची के बयान के बिना पर स्थानीय पुलिस ने सभी 12 बच्चियों को बरामद कर लिया है।

मंडला एसपी दीपक कुमार शुक्ला का कहना है कि नाबालिग और परिजनों के बयान के बाद स्पष्ट होगा कि बच्ची हाथरस बस स्टैंड कैसे पहुंची। नाबालिग का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराया जाएगा। वैसे अभी तक परिजनों ने बच्चियों के संबंध में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।



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