मप्र पुलिस: जब 152 अफसर कर्मचारी हुए बीमार तक याद आया कि अस्पताल शुरू करना है

जबलपुर। पुलिस लाइन स्थित अस्पताल को फीवर क्लीनिक के रूप में शुरू कर दिया गया है। यहां केवल पुलिस कर्मी, जेलप्रहरी और उनके परिजन का इलाज होगा। अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त चार बेड की सुविधा भी शुरू की गई है। यहां कोरोना जांच सहित सामान्य सर्दी-बुखार का भी इलाज हो सकेगा। विक्टोरिया से चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ पुलिस विभाग में 3500 स्टाफ में से साढ़े सात प्रतिशत (152) अधिकारी-कर्मचारी अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसके बाद पुलिस लाइन स्थित अस्पताल को फीवर क्लीनिक के रूप में शुरू किया गया है। सभी पुलिस कर्मियों को फेस शील्ड भी मुहैया कराई गई है। ओमती की तरह अन्य सीएसपी व थानों में भी प्लास्टिक के पर्दे और फाइवर केबिन का उपयोग किया जा रहा है।

ऐसे होगा इलाज
पुलिस अस्पताल में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आने वाले पुलिस कर्मियों को सामुदायिक भवन में क्वारंटीन किया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने पर घर पर और पॉजीटिव आने पर चिह्नित अस्पताल में भेजा जाएगा। सांस लेने में कठिनाई होने पर ऑक्सीजन युक्त बेड वाले वार्ड में भर्ती किया जाएगा। आरआई सौरव तिवारी ने बताया कि अस्पताल शुरू हो गया है। यहां फीवर क्लीनिक में निश्चित समय के लिए चिकित्सक भी उपलब्ध रहेंगे।

ये है स्थिति
152 कुल संक्रमित
34 एक्टिव केस

ये हुए प्रभावित
01 एएसपी
03 सीएसपी
09 टीआई
39 एसआई से लेकर आरक्षक

पुलिस अस्पताल में ये सुविधा
- फीवर क्लीनिक
- कोरोना टेस्ट की सुविधा
- प्राइमरी चिकित्सा की सुविधा
- 04 बेड ऑक्सीजन युक्त
- चेस्ट एक्स-रे
- कोरोना सस्पेक्टेड वार्ड
- सामुदायिक भवन में 20 बेड का आइसोलेशन सेंटर
- विक्टोरिया से आएंगे चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ



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