
जबलपुर. जिले में कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड एंटीजेन टेस्ट पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। बताया जा रहा है कि जिला स्वास्थ्य विभाग को रैपिड एंटीजेन किट से ज्यादा से ज्यादा जांच करने के मौखिक निर्देश मिले हैं। ऐसे में अब आरटीपीसीआर सैम्पलिंग कम होगी। बता दें कि अब तक कोरोना वायरस टेस्ट की खातिर लिए जा रहे नमूनों को जांच के लिए अहमदाबाद की प्राइवेट लैब सुप्राटेक भेजा जा रहा था। सुप्राटेक से सैम्पलिंग कराने में सरकार को बड़ी रकम का भुगतान करना पड़ रहा था। वहीं एंटीजन किट की उपलब्धता होने पर अब सरकारी लैब से ही कोविड जांच कराने की तैयारी की जा रही है।

यहां बता दें कि सरकारी लैबों में जांच क्षमता कम होने पर दो महीना पहले स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के सैंपल्स को सुप्राटेक लैब से जांच कराने का अनुबंध किया था। इसके लिए उसे प्रति सैम्पल 1980 रुपए का भुगतान करना था। जबलपुर में 10 जुलाई से इस लैब में सैम्पल भेजने की शुरूआत हुई, अब तक लगभग 50 हजार सैम्पल इस निजी लैब में जांचे जा चुके हैं जिनका करोड़ों में भुगतान हुआ है।
बताते चले कि जिले में आईसीएमआर व मेडिकल कॉलेज की सरकारी लैब हैं। दोनों ही लैबों की प्रतिदिन जांच क्षमता करीब 700 से 800 सैम्पल है। अब इन लैबों में संभाग के जिले बांट दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज लैब में अब जबलपुर के अलावा मंडला, डिंडौरी और नरसिंहपुर के सैम्पल आएंगे। इसमें जबलपुर से औसत 500 का कोटा निर्धारित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सभी जिलों में एंटीजन किट पहुंचने से जांच की संख्या में कोई कमी नहीं आएगी। शुक्रवार को जिले से 660 सैम्पल मेडिकल व इनमें कुछ आईसीएमआर तथा मात्र 283 सुप्राटेक भेजे गए।
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