
जबलपुर। शहर में तेजी से फैलते कोरोना के संक्रमण से लोगों में लॉकडाउन की चर्चा है। बीते कुछ समय से रोजाना 200 से ज्यादा नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में गतिविधियां कुछ समय के लिए बंद करने की बात भी जायज लगने लगी है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन इस पक्ष में नहीं है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से मौजूदा स्थितियों को देखते हुए लॉकडाउन के संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने इससे इनकार किया। वे लॉकडाउन की अपेक्षा सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियम को गंभीरतापूर्वक मानने को ज्यादा प्रभावी कदम मानते हैं। इसी विषय से जुड़े कुछ और पहलुओं पर उनसे की गई बातचीत के अंश..।
लॉकडाउन नहीं लगेगा, सोशल डिस्टेंसिंग पर देंगे जोर
क्या आपको लगता है कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लॉकडाउन की जरूरत है?
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन समाधान नहीं है। वर्तमान में इसकी आवश्यकता भी प्रतीत नहीं होती है। इससे अच्छा तो यह है कि सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करें। मास्क जरूर लगाएं।
लॉकडाउन नहीं कर रहे हैं तो बाजार में जो भीड़ है, उसे रोकने के लिए क्या उपाए कर रहे हैं?
देखिए हमने रोको-टोको अभियान को तेज किया है। हर वार्ड में एक टीम बनाई है। इसी प्रकार स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद भी इस काम में ले रहे हैं। वह अभियान का हिस्सा है। नियम तोडऩे पर जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
बढ़ते मरीजों को देखते हुए अस्पताल में बिस्तरों की संख्या कम पड़ रही है। क्या व्यवस्था कर रहे हैं?
बिस्तर संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिसिन वार्ड में कोविड केयर सेंटर का विस्तार किया जा रहा है। ग्वारीघाट स्थित आयुर्वेद कॉलेज और मनमोहन नगर माढ़ोताल स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन में भी सेंटर बनाने के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जाएंगी।
त्योहारों को लेकर क्या रणनीति बना रहे हैं?
पूरे जिले में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों में 100 से कम व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे। चल समारोह, गरबा, जुलूस और रैली निकालना प्रतिबंधित किया है। इसी प्रकार पंडालों को लेकर भी गाइडलाइन लागू की जा चुकी है।
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