
जबलपुर। बस ऑपरेटर्स 15 से 20 प्रतिशत बसों के संचालन की बात कह रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। चंद बसों के भरोसे यात्रियों को छोड़ दिया गया है। यात्रियों और बसों से खचाखच भरे रहने वाला आइएसबीटी मंगलवार को खाली पड़ा रहा। बस के इंतजार में कुछ यात्री पेड़ के नीचे बैठे नजर आए, तो कुछ बरामदे में। सभी बसों का संचालन नहीं होने से आम यात्रियों परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बसों से खचाखच भरा रहने वाला आइएसबीटी था खाली
दमोह के लिए कोई बस ही नहीं मिली
दमोह निवासी संध्या साहू ने बताया कि वह पति महेन्द्र साहू और बेटी तमन्ना साहू के साथ डॉक्टर के यहां आई थीं। वे बस से आई थीं। वापस दमोह जाने के लिए वे आइएसबीटी पहुंची, तो पता चला कि दमोह के लिए कोई बस नहीं है। उन्होंने बताया कि बसों का संचालन न होने के कारण बहुत परेशानी हो रही है।
क्या कहते हैं परेशान यात्री
रियल स्टेट में काम करते हैं। सागर जाना था। आईएसबीटी आए, तो पता चला कि सागर के लिए कोई बस है ही नहीं।
रामबाबू सिंह, यात्री
पुणे से ट्रेन से जबलपुर आए। सागर में घर है। सुबह आइएसबीटी पहुंचे, तो पता चला कि बस जा चुकी है, अब बस नहीं है।
जितेन्द्र राजपूत, यात्री
बहन के घर जबलपुर आए थे। कटनी लौटना था। आइएसबीटी पहुंचे, तो पता चला कि कटनी के लिए कोई बस नहीं है।
सुमित सिंह, यात्री
सागर स्थित घर जाना था। बस न होने के कारण आइएसबीटी स्थित धर्मशाला में रात रुकेंगें। अब बुधवार को सागर जाएंगे।
महेंद्र, यात्री
मंडला से अपडाउन करते हैं, इस रूट पर पहले की तरह बसें नहीं चल रहीं हैं। एक दो बसों के चलने से परेशानी और बढ़ गई है।
राजाराम, यात्री
नागपुर के लिए अब भी बसें शुरू नहीं की गई है। ऐसे में अब भी टैक्सी कर नागपुर जाना पड़ रहा है। इसमें अधिक पैसा लगता है।
हरिओम, यात्री
अधिकतर रूटों पर अब भी बसों का संचालन बंद है। नाम के लिए बसें संचालित की जा रही हैं। यात्रियों की परेशानी है।
अनूप बेन, यात्री
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