
जबलपुर। कोरोना को लेकर जबलपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। विक्टोरिया जिला अस्पताल से जिस महिला को फोन करके कोरोना पॉजिटिव बताया गया, उसे तीन बाद अस्पताल की ओर से निगेटिव होने का मैसेज भी भेज दिया गया। महिला सुखसागर आइसोलेशन सेंटर में भर्ती थी। उसने निगेटिव होने सम्बंधी मैसेज का हवाला देते हुए जबरन आइसोलेट करने का आरोप लगाया। महिला के मोबाइल फोन पर आए एसएमएस के बाद वहां भर्ती कुछ अन्य महिलाएं भी स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर बिफर गईं। जांच में लापरवाही और व्यवस्थाओं में गड़बड़ी पर गुस्सा दिखा रही आइसोलेशन सेंटर में भर्ती महिलाओं का वीडियो वायरल हुआ, तो प्रबंधन हरकत में आया। शाम तक महिला का नया वीडियो जारी हुआ। इसमें महिला ने खुद को कोरोना संक्रमित होने और स्वस्थ होने की जानकारी दी।
1 सितम्बर : 27 वर्षीय महिला का नमूना कोरोना जांच के लिए लिया गया।
3 सितम्बर : विक्टोरिया अस्पताल से फोन आया कि वह पॉजिटिव हैं।
4 सितम्बर : संक्रमित होने पर महिला को सुखसागर सेंटर में भर्ती किया गया।
6 सितम्बर : जिला अस्पताल से महिला के फोन पर निगेटिव होने का मैसेज आया।
7 सितम्बर : गड़बड़ी का वीडियो वायरल होने के बाद महिला का नया बयान आया।
उठे सवाल
कोरोना नमूने की जांच रिपोर्ट में हुई इस चूक ने स्वास्थ विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि 27 वर्षीय महिला में संदिग्ध लक्षण मिलने पर उनका नमूना एक सितम्बर को लिया गया था। उसके पास डीएचएस-जबलपुर के नाम से मैसेज आया है। उसमें महिला की आइडी नम्बर के साथ ही नमूना जांच के लिए सुप्राटेक भेजे जाने की जानकारी दर्ज है। रिजल्ट निगेटिव दर्ज है। इधर, आइसोलेशन सेंटर में महिला के सम्बंध में भेजी गई जानकारी में उसके नाम के सामने कोविड पॉजिटिव दर्ज है। वायरल वीडियो में गम्भीर आरोप से घिरा स्वास्थ विभाग अब आइसोलेशन सेंटर में भेजी गई फाइल को सही बता रहे हैं। महिला को प्राप्त मैसेज को चूक बताया जा रहा है। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया के अनुसार मैसेज कहां से जनरेट होता है, यह पता कर रहे हैं।
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