नई परेशानी: दिल की मसल्स में कोरोना से आ रही सूजन, हार्ट अटैक की बन रही वजह

जबलपुर। अभी तक प्रदूषण, अनियमित दिनचर्या और खानपान को दिल के लिए खतरा माना जाता था। लेकिन हाल में कहर ढा रहा कोरोना संक्रमण भी अब हार्ट अटैक की वजह बन रहा है। कोरोना वायरस पीडि़त के हार्ट की मसल्स में सूजन पैदा कर रहा है। सांस लेने में परेशान के साथ कार्डियक अरेस्ट हो रहा है। ठीक होते-होते अचानक कोरोना मरीज की मृत्यु हो रही है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के उपचार के दौरान कई मरीजों की हार्ट अटैक से डेथ हुई है। डॉक्टर्स का मानना है कि गम्भीर कोरोना संक्रमित के स्वस्थ्य होने के बाद लापरवाही से फेफड़ा के साथ हृदय की मांसपेसियों के इनवाल्वमेंट से सडन डेथ की खतरा रहता है। ऐसे में वर्तमान हालात और बढ़ती उम्र के साथ कमजोर होते दिल को सम्भालना जरूरी हो गया है।

मल्टीऑर्गनफेलियर के ज्यादा केस
शहर में कोरोना संंक्रमित बढऩे के साथ कोविड मरीजों की मौत का आंकड़ा भी प्रतिमाह बढ़ा है। सिंतबर माह के 27 दिन में अब तक 62 कोरोना संक्रमित की मौत हुई है। इन्हें मिलाकर सात माह में 144 कोरोना मरीज दम तोड़ चुके हैं। इसमें 80 प्रतिशत मृतकों की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है। ये बीपी, थायराइड, ब्लड प्रेशर, सीओपीडी सहित अन्य बीमारियों से पहले से पीडि़त थे। जिसके चलते कोरोना वायरस ने तेजी से असर दिखाया। एक अनुमान के मुताबिक कोरोना संक्रमित की मौत में करीब पचास फीसदी की मौत मल्टीऑर्गन फेलियर से हुई। इनके हृदय तक कोरोना के पहुंचने से मसल्स में आई सूजन मरीजों की मौत की एक वजह भी मानी जा रही है।

 

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एक्सपर्ट कमेंट- डॉ. आरएस शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ
दिल हमारा साथ हमेशा देता है। इसलिए हमें भी दिल का ध्यान रखना चाहिए। स्वयं के हृदय की जानकारी रखना चाहिए। वर्ष में एक बार इसीजी, लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराएं। संयमित जीवनशैली, संतुलित भोजन के साथ परामर्श लेकर हृदय रोगियों को योग-प्राणायाम और मेडिटेशन करना चाहिए। ज्यादातर लोगों को भ्रम है कि एक बार दिल का इलाज शुरू हो गया तो हमेशा कई दवा खाना पड़ेगा। ऐसा नहीं है। डॉक्टर्स के परामर्श के बिना कोई दवा या व्यायाम हृदय रोगियों की सेहत के लिए खतरा बन सकती है। पहले यह माना जा रहा था कि कोरोना रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर डालता है। लेकिन यह दिल को भी कमजोर कर रहा है। कोरोना वायरस हार्ट की मांसपेशी में सूजन पैदा कर रहा है। डॉक्टर्स की परामर्श ना मानने और अनियमित दिनचर्या से कोरोना से स्वस्थ्य होने के बाद भी हृदय को नुकसान की आशंका बनी हुई है।

अर्जुन छाल से लाभ
ग्वारीघाट स्थित आयुर्वेद कॉलेज में डॉ. मंजुला मिश्रा के अनुसार हृदय रोगियों के अर्जुन की छाल का सेवन लाभकारी है। अर्जुन छाल में कैल्शियम साल्ट, टैनिन, अर्जुनाइन, मैगनिशियम साल्ट होता है। इसे चिकित्सक से परामर्श से लेकर प्रतिदिन पांच से दस ग्राम क्षीर पाक बनाकर सेवन करना चाहिए। अर्जुन छाल के चूर्ण को दूध और पानी के मिश्रण में उबालकर क्षीर पाक निर्माण कर निरंतर प्रयोग करने से हृदय की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।



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