
जबलपुर . नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की नई दिल्ली मुख्य बेंच ने राज्य सरकार व जबलपुर जिला प्रशासन से पूछा कि गोशालाओं को शहर से बाहर क्यों नहीं बनाया जा रहा है ? बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव, जिला प्रशासन जबलपुर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार व सड़क निगम के डायरेक्टर को नोटिस जारी किए। सभी से बेंच ने स्पष्टीकरण मांगा। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि जबलपुर के वार्ड नंबर 79 में स्थापित हो रही गोशाला पर स्थगन आदेश जारी किया जाए। नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त इस गोशाला का निर्माण वर्षा ऋतु समाप्त होने तक पूरा कराना चाहते हैं। एनजीटी के दिशानिर्देश के तहत इन्हें शहरी सीमा में नहीं होना चाहिए। तर्क दिया गया कि जबलपुर सहित समूचे राज्य के नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोई भी गोशाला स्थापित न की जाए। यदि स्थापित हैं तो बाहर की जाएं। नगर निगम आयुक्त को यह बताने के लिए निर्देशित करने का आग्रह किया गया कि अभी तक जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में कितनी गोशालाएं स्थापित की गईं? आग्रह किया गया कि इन सभी गौशालाओं को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित नीति व दिशा-निर्देशों के तहत जबलपुर नगर निगम सीमा के बाहर शिफ्ट किया जाए। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद एनजीटी ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। मंच की ओर से अधिवक्ता प्रभात यादव ने पैरवी की।
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