
यूनेस्को (UNESCO) अगले महीने ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग (GEM) का एक विशेष सेशन का आयोजन करेगा। इसमें उच्चस्तरीय नेता, पॉलिसी मेकर्स और ग्लोबल एजुकेशन एक्सपर्ट वर्तमान समय और कोरोना संकट खत्म होने के बाद की दुनिया में शिक्षा की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल,साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) के मुताबिक 22 अक्टूबर को होने वाले इस सत्र का मकसद ऐसे समय में शिक्षा को बचाना और प्रोत्साहित करना है जब मौजूदा हालात के चलते सरकार द्वारा शिक्षा के लिए वित्त पोषण को नजरअंदाज किए जाने की आशंका है।
पीढ़ियों को तबाही से रोकना है मकसद
यूनेस्को (UNESCO) शिक्षा सहायक निदेशक स्टेफानिया गियानिनी कहते है कि, ‘‘अगले महीने GEM का मकसद नेताओं को कोरोना महामारी से शीघ्र, समग्र एवं स्थायी तरीके से उबरने के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के केंद्र में शिक्षा को रखने के लिए प्रतिबद्ध करना है।'' उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए वित्त पोषण अगर बढ़ाया नहीं जाएं ,तो उसे कम भी नहीं किया जाएं, ताकि ‘‘पीढ़ियों को तबाही'' से रोका जा सके।
154 करोड़ से भी ज्यादा स्टूडेंट्स कोरोना से प्रभावित
यूनेस्को के मुताबिक, कोविड-19 के बीच दुनियाभर में शैक्षणिक संस्थान बंद होने से 154 करोड़ से भी ज्यादा स्टूडेंट्स बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस वायरस से दुनियाभर में 3.2 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 9.82 लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है। वहीं, भारत में यह आकंड़ा 59 लाख के ऊपर पहुंच चुका है।
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