
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सिविल सेवा परीक्षा, 2020 को स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान UPSC और भारत सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस ए.एम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच अब मामले में 28 सितंबर, 2020 को सुनवाई करेगी। 04 अक्टूबर को होने वाली सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2020 के आयोजन के खिलाफ 20 कैंडिडेट्स ने एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव के जरिए याचिका दायर की थी।
20 कैंडिडेट्स ने दायर की याचिका
दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि 7 घंटे लंबी इस ऑफलाइन परीक्षा में करीब 6 लाख कैंडिडेट्स शामिल होंगे। कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच देश में 72 शहरों के परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के आयोजन कारण बड़ी संख्या में इसके प्रसार की संभावना है। ऐसे में UPSC परीक्षा के लिए जारी संशोधित कैलेंडर संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत पूरी तरह से मनमाना और स्वास्थ्य और जीने के अधिकार का उल्लंघन करने वाला है।
04 अक्टूबर को होगी परीक्षा
कैंडिडेट्स ने यह भी कहा कि कोरोना के तेजी से लगातार फैल रहे मामलों के बाद भी UPSC ने परीक्षा केंद्रों की संख्या में वृद्धि नहीं की। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के कई कैंडिडेट्स को करीब 300-400 किलोमीटर की यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए ऐसे कैंडिडेट्स पब्लिक ट्रांसपोर्ट की इस्तेमाल करेंगे, जिससे उनके इस संक्रमण से प्रभावित होने के ज्यादा आशंका है। UPSC की तरफ से जारी संशोधित कैलेंडर के मुताबिक सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा की इस साल 04 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी।
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