
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक आदेश में नागरिकों को हिदायत देकर कहा कि शहर को साफ-सुथरा रखना सिर्फ राज्य सरकार व नगर निगम की ही जिम्मेदारी नहीं है। कहीं भी कूड़ा फेंक कर नगर निगम या सरकार से उसे उठाने के लिए दावा नहीं किया जा सकता। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने शहरवासियों को कहा कि अपने घर के आसपास और शहरभर में साफ-सफाई को लेकर जागरूक रहें। कोर्ट ने राज्य सरकार व नगर निगम को निर्देश दिए कि साफ-सफाई के लिए समुचित कदम उठाकर आगामी सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए। अगली सुनवाई 24 अगस्त तय की गई।
हाइकोर्ट ने कहा, निगम को भी सफाई के लिए कदम उठाकर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
शहर को साफ रखना नगर निगम के साथ नागरिकों की भी जिम्मेदारी

यह है मामला -
कांग्रेस नेता सौरभ नाटी शर्मा की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि जबलपुर शहर में साफ-सफाई का अभाव एक बड़ी समस्या है। इस वजह से प्रतिवर्ष सितम्बर से अक्टूबर के बीच चिकनगुनिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू व जीका वायरस आदि का खतरा बढ़ जाता है। नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह अपनी सीमा के भीतर साफ-सफाई व छिडक़ाव आदि का ध्यान रखे। जो लोग अपने घरों के आसपास या सडक़ पर कचरा फैलाते हैं, उनके ऊपर जुर्माना आदि की कार्रवाई सख्ती से की जाए।
कचरा फैलाने पर बढ़ाया जुर्माना
नगर निगम की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने कोर्ट को अवगत कराया कि कचरा फैलाने के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ जुर्माने की राशि 100 रु से बढ़ाकर 500 रुपए कर दी गई है। जगह-जगह कचरा डालने के डिब्बे लगाए गए हैं। अधिवक्ता आदित्य संघी ने शहर में गंदगी के फोटोग्राफ्स प्रस्तुत किए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिये कि वे अगली सुनवाई से पूर्व शहर में गंदगी के प्रमाण की फोटो पेश करे। नगर निगम से भी स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।
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